Bihar Vidhansabha Chunav 2025: लालगंज में महागठबंधन की उलझन सुलझी, मुन्ना शुक्ला की बेटी शिवानी शुक्ला बनी एकल उम्मीदवार, कांग्रेस ने नामांकन लिया वापस
वैशाली जिले की लालगंज विधानसभा सीट से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने मुन्ना शुक्ला की बेटी शिवानी शुक्ला को अपना उम्मीदवार घोषित किया था। वहीं, कांग्रेस ने भी मैदान में अपनी दावेदारी पेश की थी ...

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: वैशाली जिले की लालगंज विधानसभा सीट पर सियासी पेच अब सुलझ गया है। पहले इस सीट पर महागठबंधन के दो घटक दलों के नेता आमने-सामने थे, लेकिन अब गठबंधन ने ‘गठबंधन धर्म’ निभाते हुए स्थिति को संतुलित कर दिया है।इस सीट से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने मुन्ना शुक्ला की बेटी शिवानी शुक्ला को अपना उम्मीदवार घोषित किया था। वहीं, कांग्रेस ने भी मैदान में अपनी दावेदारी पेश की थी और आदित्य कुमार राजा को उम्मीदवार बनाया था। लेकिन अब आदित्य राजा ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। इसके बाद लालगंज विधानसभा में महागठबंधन की तरफ़ से केवल शिवानी शुक्ला ही उम्मीदवार बची हैं।
नामांकन वापस लेने के बाद आदित्य राजा ने स्पष्ट किया कि उनका यह निर्णय किसी दबाव या व्यक्तिगत स्वार्थ की वजह से नहीं बल्कि लोकतंत्र और गठबंधन की मजबूरी को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। आदित्य राजा ने कहा, “महागठबंधन में एकता और सहयोग बनाए रखना लोकतंत्र की भी जिम्मेदारी है। यही कारण है कि मैंने नामांकन वापस लिया।”जिला निर्वाचन पदाधिकारी वर्षा सिंह ने इस बात की पुष्टि की कि आदित्य कुमार का नामांकन वापस ले लिया गया है। उन्होंने बताया कि महुआ विधानसभा में भी दो प्रत्याशियों ने अपना नाम वापस लिया।
लालगंज की राजनीति में शिवानी शुक्ला का सियासी कद और पृष्ठभूमि भी महत्वपूर्ण है। उनके पिता मुन्ना शुक्ला ने साल 2000 में हाजीपुर जेल से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीत हासिल किया था और बाद में जदयू के टिकट पर भी विजयी रहे। शिवानी की मां भी इस सीट से विधायक रह चुकी हैं। यह परिवार पिछले दशकों से लालगंज में सक्रिय और लोकप्रिय रहा है।
शिवानी शुक्ला फिलहाल पूरे लालगंज में सक्रिय हैं और जनता से लगातार संपर्क में हैं। उनका नामांकन महागठबंधन की एकजुटता का प्रतीक बन गया है, और अब यह सीट राजनीतिक दृष्टि से महागठबंधन का मजबूत दांव मानी जा रही है।बीजेपी ने इस सीट से संजय सिंह को उम्मीदवार बनाया है। ऐसे में अब लालगंज विधानसभा में मुकाबला मुख्यतः शिवानी शुक्ला और बीजेपी के संजय सिंह के बीच ही नजर आएगा। महागठबंधन की एकजुटता के साथ यह चुनावी रणभूमि और भी रोचक हो गई है।
शिवानी शुक्ला का उम्मीदवार बनना सिर्फ़ परिवार की राजनीतिक विरासत ही नहीं, बल्कि महागठबंधन की रणनीति और गठबंधन धर्म की जीत भी मानी जा रही है।