Bihar Vidhan sabha Chunav 2025: सीट शेयरिंग की घोषणा से पहले जदयू को बड़ा झटका, सामूहिक इस्तीफे के मूड में जिला इकाई, अब इससे कैसे निपटेंगे नीतीश

Bihar Vidhan sabha Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए के सीट शेयरिंग फार्मूले 101-101-29-6-6 के तहत राजनीतिक समीकरण पक्का हो गया है, लेकिन जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) में बगावत की आवाज़ उठने लगी है।

Bihar Vidhan sabha Chunav 2025: सीट शेयरिंग की घोषणा से पहले
सीट शेयरिंग की घोषणा से पहले जदयू को बड़ा झटका- फोटो : social Media

Bihar Vidhan sabha Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए के सीट शेयरिंग फार्मूले 101-101-29-6-6 के तहत राजनीतिक समीकरण पक्का हो गया है, लेकिन जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) में बगावत की आवाज़ उठने लगी है। रोहतास जिले की दिनारा विधानसभा सीट से पूर्व मंत्री और कद्दावर राजपूत नेता जय कुमार सिंह का टिकट कटने की खबर ने पार्टी कार्यकर्ताओं में खलबली मचा दी है।

जय कुमार सिंह जेडीयू के पुराने और भरोसेमंद नेताओं में से एक हैं। उन्होंने नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार में सहकारिता मंत्री और उद्योग मंत्री जैसे महत्वपूर्ण विभाग संभाले हैं। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि जय कुमार सिंह नीतीश के बेहद खास और विश्वस्त नेताओं में शामिल रहे हैं, लेकिन 2020 के चुनाव में दिनारा सीट पर उन्हें राष्ट्रीय जनता दल के प्रत्याशी से हार का सामना करना पड़ा था।

दिनारा विधानसभा से टिकट कटने के बाद नाराज चल रहे पूर्व मंत्री जयकुमार सिंह आज दोपहर 1:00 बजे अपने पद से जनता दल यूनाइटेड (JDU) से इस्तीफा देंगे। इस अवसर पर उनके हजारों समर्थक भी मौजूद रहेंगे।आपको बता दें कि इस सीट से अब उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी चुनाव लड़ रही है और उनके उम्मीदवार के रूप में आलोक सिंह को मैदान में उतारा गया है।

2025 में जेडीयू ने अपने 101 सीटों के कोटे को अधिकतम जीत में बदलने के लिए एंटी-इनकम्बेंसी रणनीति अपनाई और पिछली बार हारे हुए नेताओं को साइडलाइन करने का फैसला किया। इसी के तहत जय कुमार सिंह का टिकट कटने की संभावना बन गई। एक अन्य कारण यह भी बताया जा रहा है कि दिनारा या डेहरी-ऑन-सोन जैसी सीटें बीजेपी या आरएलएम को ट्रांसफर की गई हों, जिसके चलते जेडीयू को अपने पुराने उम्मीदवार को हटाना पड़ा।

जय कुमार सिंह का दिनारा सीट पर व्यक्तिगत प्रभाव और कार्यकर्ता आधार बेहद मजबूत है। उनका टिकट कटने से न केवल उनके समर्थक निराश होंगे, बल्कि कुशवाहा और सवर्ण मतदाताओं के बड़े हिस्से में गलत संदेश जाएगा। डेहरी-ऑन-सोन और आसपास की सीटों पर राजपूत, भूमिहार, यादव और कोइरी मतदाता की संख्या निर्णायक मानी जाती है। ऐसे में जय कुमार सिंह की नाराज़गी से शाहाबाद क्षेत्र में जेडीयू का वोट बैंक टूटने का खतरा उत्पन्न होगा।

उनके समर्थकों ने पहले ही चेतावनी दे दी है कि यदि जय कुमार सिंह का टिकट बहाल नहीं किया गया, तो रोहतास जिले की पूरी जेडीयू यूनिट सामूहिक इस्तीफा दे सकती है। यह पार्टी के लिए चुनाव से पहले एक भारी चुनौती साबित हो सकती है। राजनीतिक गलियारों में कहा जा रहा है कि जय कुमार सिंह की नाराज़गी एनडीए की चुनावी रणनीति और पोलिंग बूथ तक मतदाताओं को लाने की तैयारी पर गहरा असर डाल सकती है।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि शाहाबाद क्षेत्र पहले से ही आरजेडी और कांग्रेस के लिए उपजाऊ क्षेत्र माना जाता है। ऐसे में जेडीयू में बगावत और टिकट कटने जैसी घटनाएं सीधे तौर पर एनडीए के लिए खतरे की घंटी हैं। डेहरी-ऑन-सोन और दिनारा जैसी सीटों पर राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं, और यह शाहाबाद में एनडीए की पकड़ को कमजोर कर सकता है।

जय कुमार सिंह का टिकट कटना सिर्फ एक व्यक्तिगत विवाद नहीं, बल्कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए और जेडीयू की रणनीति के लिए बड़ा राजनीतिक भूचाल साबित हो सकता है। शाहाबाद की राजनीतिक धरती पर इस फैसले का असर मतदाताओं की पसंद और चुनावी नतीजों पर निर्णायक होगा।