Bihar Politics:नीतीश कुमार को चुनाव से पहले झटका, परबत्ता से जदयू विधायक संजीव कुमार आज थामेंगे राजद का दामन
Bihar Politics: बिहार की सियासत में पाला बदलने का दौर जारी है। खगड़िया जिले के परबत्ता से जदयू विधायक रहे डॉ. संजीव अब राष्ट्रीय जनता दल का दामन थामने जा रहे हैं। ..

Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मी बढ़ते ही सियासी बिसात पर नेताओं का पाला बदलने का सिलसिला तेज़ हो गया है। सत्ता और विपक्ष की गोटियां लगातार सरक रही हैं। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) को बड़ा झटका लगा है। खगड़िया जिले के परबत्ता से जदयू विधायक डॉ. संजीव कुमार ने पार्टी छोड़कर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का दामन थामने का ऐलान कर दिया है।इसको लेकर उन्होंने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर घोषणा की।
डॉ. संजीव ने पोस्ट में लिखा कि 03 अक्टूबर 2025 (शुक्रवार) दोपहर 1 बजे परबत्ता स्थित भगवान उच्च विद्यालय के मैदान में एक भव्य मिलन समारोह आयोजित होगा। इस समारोह में माननीय नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे। इसी मंच से डॉ. संजीव हजारों कार्यकर्ताओं के साथ राजद की सदस्यता ग्रहण करेंगे।उन्होंने कार्यकर्ताओं और क्षेत्रवासियों से अपील की है कि अधिक से अधिक संख्या में शामिल होकर इस कार्यक्रम को सफल बनाएं।राजनीतिक गलियारों में इसे विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा घटनाक्रम माना जा रहा है। माना जा रहा है कि परबत्ता समेत पूरे खगड़िया जिले में इस कदम का असर पड़ सकता है।
संजीव कुमार ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिए स्पष्ट कर दिया कि अब उनकी सियासी राहें जदयू से अलग होंगी। उन्होंने कहा कि दोपहर एक बजे वे हजारों समर्थकों के साथ तेजस्वी यादव की मौजूदगी में राजद की सदस्यता ग्रहण करेंगे। सियासी गलियारों में उनकी इस घर वापसी की अटकलें कई दिनों से तेज थीं, लेकिन अब तस्वीर साफ़ हो गई है।
दरअसल, परबत्ता सीट से संजीव कुमार का टिकट कटने की चर्चा लंबे समय से चल रही थी। मीडिया से बातचीत में भी उन्होंने संकेत दिए थे कि टिकट मिले या न मिले, वे जनता की लड़ाई लड़ते रहेंगे। हाल ही में उन्होंने अपनी ही सरकार के कुछ नेताओं पर विकास कार्यों में रोड़े अटकाने के आरोप लगाए थे। उनके तेवरों से ही यह साफ़ हो गया था कि वे पार्टी लाइन से असंतुष्ट हैं।
संजीव कुमार की सियासी ज़मीन परबत्ता से ही उपजी है। 2020 के विधानसभा चुनाव में उन्हें जदयू ने मौका दिया और उन्होंने राजद प्रत्याशी दिगंबर प्रसाद तिवारी को महज़ 951 वोटों से मात देकर जीत दर्ज की थी। संजीव की राजनीतिक पृष्ठभूमि मज़बूत रही है। उनके पिता आर.एन. सिंह जदयू के दिग्गज नेता थे, जो परबत्ता से चार बार विधायक और नीतीश सरकार में मंत्री भी रहे। आर.एन. सिंह को खगड़िया का "विकास पुरुष" कहा जाता था। मई 2024 में उनके निधन के बाद माना जा रहा था कि संजीव कुमार की सियासी दिशा में बदलाव आएगा।
संजीव कुमार राजद की लालटेन थाम लेने के बाद परबत्ता का चुनावी गणित दिलचस्प हो गया है। राजद को यहां एक मज़बूत चेहरा मिल गया है, जबकि जदयू को नए उम्मीदवार की तलाश करनी होगी। संजीव कुमार की यह घर वापसी न केवल परबत्ता बल्कि पूरे खगड़िया और सीमांचल की राजनीति में नई हलचल पैदा कर सकती है।