जदयू को बड़ा झटका ! नीतीश के पूर्व मंत्री हुए नाराज, देंगे इस्तीफा, एनडीए के खिलाफ बगावती तेवर

रोहतास जिले की दिनारा विधानसभा क्षेत्र से जुड़े कद्दावर जदयू नेता जय कुमार सिंह का टिकट कटने की खबर उन नाराज़गी की ज्वाला को और भड़काती दिख रही है।

Nitish Kumar
Nitish Kumar- फोटो : news4nation

Bihar Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले एनडीए गठबंधन ने सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला अंतिम रूप दे दिया है। इसके तहत बीजेपी और जदयू को बराबर 101–101 सीटें  दी गई हैं, जबकि अन्य सहयोगी दलों को भी हिस्सेदारी दी गई है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 29 सीटें दी गई हैं, और जीतन राम मांझी की हम तथा उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएम को प्रत्येक को 6–6 सीटें आवंटित की गई हैं। 

 

 इस सीट बंटवारे को लेकर जदयू के भीतर असंतोष की हवा चल पा रही है। खासकर रोहतास जिले की दिनारा विधानसभा क्षेत्र से जुड़े कद्दावर जदयू नेता जय कुमार सिंह का टिकट कटने की खबर उन नाराज़गी की ज्वाला को और भड़काती दिख रही है। जय कुमार सिंह समर्थकों ने ऐलान किया है कि यदि उनका टिकट नहीं मिला तो पूरी रोहतास की जदयू इकाई इस्तीफा देगी। यह कदम क्षेत्रीय संगठन पर भारी दबाव डाल सकता है। जय कुमार सिंह पहले दिनारा सीट से विधायक रहे हैं और उन्होंने नीतीश सरकार में सहकारिता व उद्योग जैसे अहम विभाग संभाले हैं। उनके समर्थकों का कहना है कि इस निर्णय से राजपूत, भूमिहार, यादव और कोइरी मतदाताओं में बड़ी नाराज़गी हो सकती है। 


समाचारों के अनुसार, जदयू को 2020 की तुलना में इस बार कम सीटें मिली हैं और कुछ उन सीटों को सहयोगी दलों को हस्तांतरित किया गया है। जैसे दिनारा, बाजपट्टी, सासाराम और महुआ जैसी सीटों की मंशा जदयू ने जताई थी, वे इस बंटवारे में अन्य घटक दलों को दी गई हैं। ऐसा माना जा रहा है कि दिनारा सीट इस बार आरएलएम या किसी अन्य घटक दल को दी गई हो सकती है। 

 

शाहाबाद इलाका पहले से ही विपक्षी दलों — खासकर RJD और कांग्रेस — के लिए संवेदनशील माना जाता है। यदि जदयू कार्यकर्ता बगावत करें तो बूथ-स्तर पर उनकी मशीनरी कमजोर हो सकती है। खासकर चुनाव प्रचार, मतदाता जोड़ने और क्षेत्रीय लड़ाइयों में यह कमज़ोरी दिख सकती है। 


राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सीट बंटवारे में भाजपा ने अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश की है, जिससे जदयू का वर्चस्व कम होता दिख रहा है। जदयू नेताओं को अब अंदरूनी स्थिति संभालने के साथ-साथ गठबंधन को एकजुट बनाए रखने में फुर्ती दिखानी होगी। इस बीच, दिनारा और आसपास के क्षेत्रों में जय कुमार सिंह समर्थक किस तरह प्रतिक्रिया देते हैं, यह अगले कुछ दिनों में चुनावी माहौल में महत्वपूर्ण मोड़ ला सकता है।