Bihar Vidhansabha chunav 2025: सियासत में दागदार चेहरों की बहार, बिहार विधानसभा 2020 के 66 फीसदी विधायकों पर आपराधिक मामले, करोड़पति विधायकों की लंबी फेहरिस्त जारी, अनंत सिंह की पत्नी सबसे अमीर, जानें कौन हैं सबसे गरीब MLA
Bihar Vidhansabha chunav 2025: बिहार की सियासत में सत्ता के गलियारों से लेकर जनप्रतिनिधित्व तक, अपराध और पूंजी का गहरा गठजोड़ एक बार फिर सामने आया है।

Bihar Vidhansabha chunav 2025: बिहार की सियासत में सत्ता के गलियारों से लेकर जनप्रतिनिधित्व तक, अपराध और पूंजी का गहरा गठजोड़ एक बार फिर सामने आया है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और बिहार इलेक्शन वॉच की ताज़ा रिपोर्ट ने यह खुलासा किया है कि वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में विजयी 66 प्रतिशत विधायक आपराधिक मामलों में संलिप्त हैं। सोमवार को जारी इस रिपोर्ट ने प्रदेश की राजनीति की सूरत और सीरत दोनों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
एडीआर एवं बिहार इलेक्शन वॉच के संयोजक राजीव कुमार ने बताया कि यह विश्लेषण 241 विधायकों के हलफनामों के आधार पर तैयार किया गया है। इनमें से 158 विधायकों (66%) ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जबकि 119 (49%) विधायकों पर गंभीर आपराधिक आरोप दर्ज हैं। इनमें हत्या, हत्या के प्रयास, लूट, दंगा और भ्रष्टाचार जैसे मामले शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 16 विधायकों के विरुद्ध हत्या से संबंधित प्रकरण दर्ज हैं।
दलवार आंकड़े बताते हैं कि सियासी दलों की साख से ज़्यादा दाग भारी हैं —
भाजपा: 83 विधायकों में से 41 (49%) पर गंभीर आपराधिक मुकदमे
राजद: 72 में से 43 (60%)
जदयू: 47 में से 13 (28%)
कांग्रेस: 17 में से 9 (53%)
भाकपा (माले): 11 में से 7 (64%)
हम: 4 में से 1 (25%)
माकपा: 2 में से 2 (100%)
एआईएमआईएम: 1 में से 1 (100%)
निर्दलीय: 2 में से 2 (100%)
यह तस्वीर बताती है कि सत्ता की दहलीज़ तक पहुँचने के लिए स्वच्छ छवि की दरकार अब औपचारिकता बन चुकी है।
रिपोर्ट में एक और दिलचस्प पहलू सामने आया है — पैसे और प्रभाव की राजनीति। बिहार विधानसभा के 241 में से 194 विधायक करोड़पति हैं। इनकी कुल घोषित संपत्ति 1121.61 करोड़ रुपये है। करोड़पति विधायकों की सबसे बड़ी संख्या भाजपा (72) और राजद (63) में है।
सबसे धनी विधायकों की सूची में:नीलम देवी (मोकामा) – ₹80 करोड़, मनोरमा देवी (बेलागंज) – ₹72 करोड़, अजीत शर्मा (भागलपुर) – ₹43 करोड़
वहीं सबसे कम संपत्ति वाले विधायकों में राम विकास सदा (अलौली) – ₹70,000, गोपाल रविदास (फुलवारीशरीफ) – ₹1 लाख+, संदीप सौरभ (पालीगंज) – ₹3.45 लाख
एडीआर ने सभी दलों से आग्रह किया है कि वे आगामी चुनाव में उम्मीदवारों की पृष्ठभूमि की गंभीर समीक्षा करें, ताकि बिहार की सियासत से “दाग और दौलत की दोहरी बीमारी” को दूर किया जा सके। लेकिन सवाल वही है क्या दल वाक़ई ईमानदार चेहरे को तरजीह देंगे, या फिर सियासत में दागदारों की चमक यूँ ही जारी रहेगी?