womans world cup - बेटी ने जीता क्रिकेट वर्ल्ड कप तो सरकार ने कांस्टेबल पिता को दिया तोहफा, 13 साल का निलंबन किया खत्म

womans world cup - क्रिकेट विश्व कप जीतनेवाली टीम इंडिया की प्लेयर को राज्य सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने उनके पिता के 13 साल के निलंबन को खत्म करने की घोषणा की है।

womans world cup - बेटी ने जीता क्रिकेट वर्ल्ड कप तो सरकार न

Bhopal - हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने आईसीसी वनडे विश्व कप का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया है। टीम इंडिया की इस ऐतिहासिक जीत में 22 वर्षीय युवा तेज गेंदबाज क्रांति गौड़ ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विश्व चैंपियन बनने के बाद, जब क्रांति अपने गृह राज्य मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा पहुँचीं, तो उनका बेहद भव्य स्वागत किया गया। यह जीत न केवल देश के लिए, बल्कि क्रांति के परिवार के लिए भी भावनात्मक रूप से बहुत बड़ी थी।

इस बड़ी उपलब्धि के लिए, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी विश्व चैंपियन बेटी क्रांति को सम्मानित किया। सम्मान समारोह के दौरान, मुख्यमंत्री ने क्रांति को एक ऐसा आश्वासन दिया जिसने उनकी खुशी को दोगुना कर दिया। 

सीएम मोहन यादव  ने किया वादा

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने क्रांति के पिता मुन्ना लाल गौड़ को 13 साल बाद पुलिस सेवा में फिर से बहाल करने का वादा किया। मुन्ना लाल गौड़ मध्य प्रदेश पुलिस में कॉन्स्टेबल के पद पर तैनात थे, जिन्हें साल 2012 में चुनावी ड्यूटी के दौरान एक मामले में निलंबित (सस्पेंड) कर दिया गया था।

क्रांति के परिवार के लिए यह निलंबन का दौर बेहद मुश्किल रहा। पिता की नौकरी जाने के बाद क्रांति के परिवार को समाज में काफी अपमान सहना पड़ा। आठ भाई-बहनों वाले इस बड़े परिवार का पालन-पोषण करना एक बड़ी चुनौती बन गया था।

बड़े भाई ने बस कंडक्टर की नौकरी कर चलाया परिवार 

ऐसे में, क्रांति के बड़े भाई ने बस कंडक्टर की नौकरी करके किसी तरह परिवार को संभाला और घर चलाने में मदद की। पिता की नौकरी न होने और एक बड़े परिवार की जिम्मेदारी के बीच, क्रांति के लिए क्रिकेट में करियर बनाना आसान नहीं था, उन्हें इस मुकाम को हासिल करने में कई आर्थिक और सामाजिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

भारतीय महिला टीम की सदस्य क्रांति गौड़ की इस ऐतिहासिक उपलब्धि से उनका पूरा परिवार बेहद खुश और गौरवान्वित है। 

मुख्यमंत्री द्वारा उनके पिता को नौकरी पर बहाल करने का आश्वासन मिलने के बाद, यह जीत क्रांति और उनके परिवार के लिए दोहरी खुशी लेकर आई है, जिसने वर्षों के संघर्ष और त्याग को सार्थक बना दिया है।