Bihar Vidhansabha Chunav 2025: अमरपुर में सियासी संग्राम, विधानसभा चुनाव 2025 में जयंत बनाम संजय ,जातीय गणित से गरमाया चुनावी महाभारत
Bihar Vidhansabha Chunav 2025: अमरपुर की जनता किसे चुनेगी जयंत राज या जातीय समीकरणों पर सवार संजय चौहान?एक तरफ सत्ता की ताकत, दूसरी ओर जनता की उम्मीदें अमरपुर की जंग दिलचस्प मोड़ पर है।...

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: अमरपुर विधानसभा चुनाव 2025 का रण धीरे-धीरे उबाल पर है और राजनीतिक पारा चरम पर चढ़ता दिख रहा है। बिहार के 243 विधानसभा सीटों में से एक अमरपुर इस बार चर्चा का केंद्र बनी हुई है। बांका जिले की इस अहम सीट पर बीजेपी, जेडीयू, कांग्रेस-राजद गठबंधन के बीच जबरदस्त मुकाबले के आसार हैं। लेकिन सारी नजरें जदयू के कद्दावर नेता व मंत्री जयंत राज और संभावित राजद प्रत्याशी संजय चौहान पर टिकी हुई हैं।
2020 के चुनाव में जयंत राज ने कांग्रेस के जितेन्द्र सिंह को 3242 वोटों के मामूली अंतर से मात दी थी। उन्हें 53963 वोट मिले थे जबकि कांग्रेस को 50721 वोट मिले। वहीं लोजपा के मृणाल शेखर ने भी मजबूत चुनौती पेश की थी, जिन्हें 40308 वोट प्राप्त हुए थे। इस बार हालांकि लड़ाई का स्वरूप बदलता दिख रहा है। कांग्रेस और राजद के गठबंधन के चलते राजपूत उम्मीदवार संजय चौहान को एकजुट वोट मिलने की संभावना है, जिससे जयंत राज की राह बेहद कठिन हो सकती है।
जातीय समीकरणों का बदलता मिज़ाज
अमरपुर की राजनीति जातीय गणित से तय होती आई है। यहां यादव, राजपूत और मुस्लिम वोटरों की अहम भूमिका रहती है। इस सीट पर लगभग 3 लाख मतदाता हैं, जिनमें यादव और राजपूतों की संख्या निर्णायक मानी जाती है। मुस्लिम वोटरों की भी उल्लेखनीय मौजूदगी है, जो संजय चौहान के पक्ष में जा सकते हैं अगर गठबंधन का संदेश सही तरीके से जमीन तक पहुंचा।
जहां एक ओर जयंत राज सरकारी योजनाओं और विकास कार्यों के बूते मैदान में हैं, वहीं संजय चौहान जातीय समीकरण और जनमानस की नाराजगी के बल पर चुनौती देते दिख रहे हैं। सियासी विश्लेषक मानते हैं कि अगर कांग्रेस और राजद के बीच तालमेल ठीक रहा, तो संजय चौहान बाजी मार सकते हैं।
2005 में RJD की अंतिम जीत सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने जीता था।2010 और 2015 में जदयू के जनार्दन मांझी ने जीत दर्ज की।2020 में जयंत राज ने कांग्रेस के जितेन्द्र सिंह को मात दी।
2025 में नया समीकरण?
सियासी पंडितों की मानें तो 2025 में जयंत राज बनाम संजय चौहान की सीधी टक्कर है। जदयू को जहां सत्ता विरोधी लहर और गठबंधन की मजबूरी का सामना करना पड़ सकता है, वहीं राजद-कांग्रेस की एकजुटता संजय चौहान के पक्ष में जाती दिख रही है।
अगर वोट प्रतिशत की बात करें तो पिछले दो चुनावों में 55 फीसदी से कुछ ज्यादा मतदान हुआ है। इस बार नए मतदाताओं और बढ़े हुए मतदान प्रतिशत के चलते परिणाम चौंकाने वाले हो सकते हैं।
नतीजा क्या होगा?
2025 में अमरपुर की जनता किसे चुनेगी जयंत राज या जातीय समीकरणों पर सवार संजय चौहान?एक तरफ सत्ता की ताकत, दूसरी ओर जनता की उम्मीदें अमरपुर की जंग दिलचस्प मोड़ पर है।इंतज़ार कीजिए, चुनावी रणभेरी कभी भी बज सकती है...!