बिहार में फिर अकेले चुनाव लड़ेगी लोजपा (रा)? चिराग पासवान के जीजा और सांसद अरुण भारती का हैरान करने वाला सियासी संकेत
चिराग पासवान की ओर से पिछले कुछ समय में कई बार कहा गया है कि एनडीए में सीटों का बंटवारा होता है तो उन्हें सम्मानजनक हिस्सेदारी चाहिए. अब अरुण भारती ने इसे लेकर बड़ा सियासी संकेत दिया है.

Chirag Paswan : बिहार की सियासत में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के भविष्य को लेकर एक अहम संकेत सामने आया है। लोजपा (रा) प्रमुख चिराग पासवान के जीजा और जमुई से सांसद अरुण भारती ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा करते हुए उन्होंने स्पष्ट रूप से पार्टी कार्यकर्ताओं को "रीढ़" बताया और 2020 के अनुभवों को याद दिलाया।
अरुण भारती ने अपने पोस्ट में लिखा, कार्यकर्ता ही हमारी पार्टी की असली रीढ़ हैं। पार्टी के लिए जी-जान से मेहनत करने वाले कार्यकर्ताओं की यह स्वाभाविक उम्मीद होती है कि एक दिन उन्हें भी पार्टी की तरफ से जनप्रतिनिधि बनकर जनता की सेवा करने का अवसर मिले। 2020 में जब गठबंधन धर्म के कारण हम अपने कार्यकर्ताओं की इस भावना और उम्मीदों को पूरा नहीं कर सके, तब हमने अकेले चुनाव लड़ने का साहसिक निर्णय लिया। यह केवल चुनावी राजनीति नहीं थी, बल्कि अपने कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान था।
उन्होंने आगे लिखा है कि भले ही उस चुनाव में हम केवल एक सीट जीत पाए, लेकिन सच्चाई यह है कि 137 सीटों पर चुनाव लड़कर हमें 6% वोट मिला था। अगर हम पूरे 243 सीटों पर चुनाव लड़ते, तो हमारा वोट प्रतिशत 10% से भी अधिक होता। यह हमारे कार्यकर्ताओं की ताक़त और जनता के विश्वास का जीता-जागता सबूत था। असल में, यह हमारी रणनीतिक चाल और राजनीतिक चरित्र का हिस्सा रहा है। 2020 ने साफ कर दिया कि अगर बिहार की राजनीति में कोई पार्टी अकेले चुनाव लड़ने का माद्दा रखती थी, तो वह केवल लोक जनशक्ति पार्टी थी।
2025 की तैयारी का संकेत?
अरुण भारती के इस पोस्ट को राजनीतिक विश्लेषक 2025 विधानसभा चुनाव के लिए लोजपा (रा) की रणनीति के संकेत के रूप में देख रहे हैं। खास बात यह है कि यह बयान उस वक्त आया है जब बिहार में सभी प्रमुख दल अपनी चुनावी बिसात बिछा रहे हैं।
गठबंधन पर फिर सवाल?
इस बयान ने यह भी संकेत दिया है कि लोजपा (रा) फिर से NDA से अलग होकर चुनाव लड़ सकती है, या फिर कम से कम सीटों के बंटवारे में दबाव की रणनीति के तहत अपनी मंशा स्पष्ट कर रही है। गौरतलब है कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा (रा) ने 243 में से 137 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ा था। हालांकि पार्टी केवल एक सीट जीत सकी, लेकिन उसका वोट शेयर 5.66% रहा, जिसने कई सीटों पर NDA को नुकसान पहुँचाया और चुनाव परिणामों पर असर डाला।
चिराग चाहते हैं बड़ी हिस्सेदारी
चिराग पासवान की ओर से पिछले कुछ समय कई बार कहा गया है कि एनडीए में सीटों का बंटवारा होता है तो उन्हें सम्मानजनक हिस्सेदारी चाहिए. वे लोजपा (रा) के लिए कम से कम 40 विधानसभा सीटों की वकालत कर चुके हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में चिराग की पार्टी ने 5 सीटों पर चुनाव लड़ा था और सभी सीट पर उनके उम्मीदवार सफल रहे थे. अपनी इस शानदार जीत के बाद अब चिराग बिहार में उसी तरह विधानसभा चुनाव में प्रदर्शन करना चाहते हैं जिसके लिए ज्यादा से ज्यादा सीटों की डिमांड कर रहे है. इन सबके बीच अरुण भारती ने एक बड़ा सियासी संकेत दे दिया है.