Delhi Vidhansabha Chunav: दिल्ली में आज यानी 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होगी। थोड़ी देर में मतदान शुरु होगा। सोमवार शाम तक चुनाव प्रचार का दौर समाप्त हो चुका है। इस चुनाव का महत्व खास है, क्योंकि इस बार चुनाव में किसी भी पार्टी की स्पष्ट लहर दिखाई नहीं दे रही है। बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेता अपनी पूरी ताकत झोंक चुके हैं। रैलियों, जनसभाओं, नुक्कड़ सभाओं, रोड शो और डोर-टू-डोर कैंपेन के जरिए सभी पार्टियां मतदाताओं तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं। आज सुबह 7 बजे से दिल्ली के सभी मतदान केंद्रों पर वोटिंग शुरू हो जाएगी, और शाम 6 बजे तक वोट डाले जा सकेंगे। दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 13,766 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं, जो 2,696 स्थानों पर स्थित हैं।
699 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में होगी बंद
699 उम्मीदवारों में 96 महिलाएं मतदान खत्म होने के बाद 699 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में बंद हो जाएगी, जिनमें 96 महिला उम्मीदवार भी शामिल हैं। सबसे अधिक 23 उम्मीदवार नई दिल्ली विधानसभा सीट से हैं, जो इस चुनाव की सबसे हॉट सीट बन गई है। इस सीट पर आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में मैदान में हैं। बीजेपी ने यहां पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश साहिब सिंह वर्मा को टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस ने शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित को उतारा है। कस्तूरबा नगर और पटेल नगर सीटों पर सबसे कम उम्मीदवार हैं, जहां 5-5 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
इस सीट से चुनाव लड़ रही दिल्ली सीएम
नज़र रखने योग्य सीटें नई दिल्ली विधानसभा सीट सबसे प्रमुख है, जहां 23 उम्मीदवार मैदान में हैं। इसके अलावा, कालकाजी सीट पर भी लोगों की नजर रहेगी, क्योंकि यहां मुख्यमंत्री आतिशी आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं। उनके सामने बीजेपी के रमेश बिधुड़ी और कांग्रेस की अलका लांबा भी चुनाव लड़ रही हैं। बिजवासन विधानसभा सीट पर भी एक दिलचस्प मुकाबला हो रहा है। यहां आम आदमी पार्टी के दो पूर्व विधायक अब दूसरी पार्टियों से चुनाव लड़ रहे हैं। कैलाश गलहोत, जो पहले आतिशी सरकार में मंत्री रहे थे, बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि कांग्रेस के देवेंद्र सहरावत 2015 में बिजवासन सीट से आम आदमी पार्टी के टिकट पर जीत चुके थे।
आप, कांग्रेस औऱ बीजेपी में कड़ी टक्कर
तीन प्रमुख दलों के बीच कड़ी टक्कर चुनाव प्रचार के दौरान आम आदमी पार्टी (AAP) ने अपने शासन मॉडल को प्रमुख मुद्दा बनाया और अरविंद केजरीवाल तथा मुख्यमंत्री आतिशी ने राज्यभर में रैलियां कीं। बीजेपी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व में भ्रष्टाचार और कानून-व्यवस्था के मुद्दों को लेकर ‘आप’ पर निशाना साधा। कांग्रेस ने भी राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के नेतृत्व में प्रचार अभियान चलाया और दोनों प्रमुख पार्टियों पर हमले किए।
आम आदमी पार्टी के वादे
आम आदमी पार्टी ने चुनाव प्रचार के दौरान कई अहम मुद्दों को उठाया, जैसे शीश महल विवाद, यमुना जल गुणवत्ता, शासन, कानून-व्यवस्था, महिला कल्याण, और मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोप। ‘आप’ ने छात्रों के लिए मुफ्त बस यात्रा, ऑटो और टैक्सी चालकों के लिए बीमा, और मंदिर के पुजारियों और गुरुद्वारों के ग्रंथियों को 18,000 रुपये की वित्तीय सहायता देने का वादा किया है।
भा.ज.पा. के वादे
भा.ज.पा. ने गर्भवती महिलाओं के लिए 21,000 रुपये की वित्तीय सहायता और 500 रुपये में रसोई गैस सिलेंडर देने का वादा किया है, जबकि कांग्रेस ने 8,500 रुपये का मासिक बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा की है। चुनाव परिणाम 8 फरवरी को आएंगे, जब यह साफ होगा कि ‘आप’ अपनी सरकार बनाए रख पाती है, बीजेपी अपनी हार को रोकने में सफल होती है, या कांग्रेस किसी चौंकाने वाले परिणाम के साथ उभरती है।