Bihar Flood Update: भारत के उत्तरी राज्य बिहार में बाढ़ का खतरा अभी भी मंडरा रहा है। इस दौरान अधिकत्तर नदियों का वॉटर लेवल अपने खतरे के निशान से ऊपर है। अगर बात करें दरभंगा में स्थित बागमती नदी का तो वहां का जलस्तर खतरे के निशान से 49.180 सेंटीमीटर नीचे है, लेकिन बीते 24 घंटो में ही 71 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी भी देखी गई है। बूढ़ी गंडक नदी का हाल भी कमोबेश एक जैसा है। ये भी पहले खतरे के निशान से 53.53 सेंटीमीटर नीचे था, लेकिन 24 घंटे में 54.75 सेंटी मीटर का इजाफा हुआ है। बिहार में बाढ़ से 11.84 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। ऐसे लोग बेघर हो गए हैं। इन्हें राहत बचाव कार्य की मदद से खाना-पानी दिया जा रहा है। इस दौरान लाखों लोगों की फसलें और जानवर बर्बाद हो जाते हैं।
बिहार में बाढ़ का खतरा बरकरार बढ़ा नदियों का जलस्तर
बिहार में बहने वाली कई नदियों के बढ़ते जलस्तर के कारण राज्य के कई हिस्सों में बाढ़ का खतरा अभी भी बरकरार है। अधवारा समूह, जैसे- कमला बलान, कोसी, गंडक, और महानंदा जैसी प्रमुख नदियों का वाटर लेवल खतरे के निशान के करीब या उससे ऊपर चला गया है। इसकी स्थिति में फिलहाल कोई सुधार की गुंजाईश भी नजर नहीं आ रही है।
बिहार की प्रमुख नदियों की कैसी है स्थिति?
बिहार की कई प्रमुख नदियों का जलस्तर अपने सामान्य से अधिक है, जो एक चिंता की बात है। तो चलिए बताते हैं वो कौन सी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
अधवारा समूह की नदियां: जलस्तर खतरे के निशान से 46.490 सेंटीमीटर नीचे है, फिर भी बाढ़ का खतरा बना हुआ है।
बागमती नदी: दरभंगा जिले में बागमती नदी 49.180 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। हालांकि, इसके बावजूद स्थिति चिंताजनक है।
कनकई नदी: बाढ़ के हालात बने हुए हैं, जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।
महानंदा नदी: जलस्तर में गिरावट के बावजूद बाढ़ का खतरा बरकरार है।
कमला बलान नदी: दरभंगा में यह नदी 67.55 सेंटीमीटर खतरे के निशान से नीचे है।
बूढ़ी गंडक और गंडक नदियाँ: बूढ़ी गंडक का जलस्तर सामान्य से थोड़ा नीचे है, जबकि गंडक का जलस्तर 35 सेंटीमीटर ऊपर है।
कोसी नदी: जलस्तर में गिरावट के बावजूद बाढ़ के हालात बने हुए हैं।
बाढ़ से प्रभावित आबादी
बिहार के 17 जिलों की लगभग 12 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित है। प्रभावित जिलों में पूर्वी और पश्चिमी चंपारण, अररिया, किशनगंज, सुपौल, मधेपुरा, मधुबनी, दरभंगा, गोपालगंज, शिवहर, और मुजफ्फरपुर शामिल हैं। वहीं, गंगा नदी के किनारे बसे 12 जिलों की 25 लाख आबादी भी इस साल की बाढ़ से प्रभावित हुई है, जिसमें पांच लोगों की जान भी गई है।
राहत कार्य और सरकारी प्रयास जारी
बिहार में बाढ़ की गंभीर स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद हालात पर नजर बनाए हुए हैं। राज्य के बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत कार्य जारी है, जिसमें भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों द्वारा खाद्य सामग्री और अन्य राहत सामग्री के पैकेट गिराए जा रहे हैं। एनडीआरएफ की 16 और एसडीआरएफ की 17 टीमें राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं। इसके साथ ही, 975 नावें बाढ़ प्रभावित इलाकों में संचालित की जा रही हैं, ताकि लोगों को सुरक्षित निकाला जा सके। गंगा नदी का जलस्तर पटना के गांधी घाट पर कुछ हद तक कम हुआ है, लेकिन हाथीदह घाट पर अभी भी गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है।