Health Tips: बड़े-बुर्जुग हमेशा से कहते हैं कि चलने से आदमी का हेल्थ सही रहता है। इसे शरीर में किसी भी तरह की बीमारी नहीं होती है। क्योंकि, चलने से दिल मजबूत होता और ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है। हालांकि, इसी बीच हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की साल 2023 की एक स्टडी में पता चला है कि रोज सिर्फ 20 मिनट वॉक करने से स्ट्रेस और एंग्जायटी में 14 फीसदी की कमी आती है। अन्य कई रिसर्च में पता चला है कि नियमित रूप के चलने में बीमारियों का खतरा कम हो सकता है। लेकिन चलने को एक और बात पता चली है, जो शायद ही किसी को पता हो। तो चलिए आज हम बताएंगे की चलने के अंदाज में आपके हेल्थ से जुड़े कई जरूरी राज।
चलने के अलग-अलग ढंग करते हैं इशारे
तेज वॉक करने वालों की कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ धीमा चलने वाले से ज्यादा स्ट्रांग होता है। सीधे शब्दों में समझे तो तेज चलने वालों का हार्ट ज्यादा मजबूत होता है। इस तरह से उन्हें दिल से संबंधित बीमारी का खतरा भी कम होता है।
एसोसिएशन ऑफ न्यूरो कॉग्निटिव एंड फिजिकल फंक्शन की स्टडी के मुताबिक, स्लो चलने वालों में बुढ़ापा जल्दी आता है। ये उनके बुद्धि पर भी असर करता है। ये फिजिकल फिटनेस के लिए बिल्कुल भी सही नहीं माना जाता है।
कई लोग बैठने के क्रम में ये नहीं जानते हैं कि वो कैसे बैठते हैं। हालांकि, इसमें में भी हेल्थ से जुड़े कई जरूरी बातें छिपी हुई है। जैसे अगर कोई कुर्सी पर गर्दन बहुत ज्यादा झुकाकर बैठता है और उसकी पीठ आगे की ओर होती है तो ये इस बात की तरफ इशारा करता है कि वो इंसान अक्सर एंग्जाइटी और डिप्रेशन में रहता है।
क्या है वॉक करने का सही तरीका?
फ्रंटियर पब्लिक हेल्थ की रिपोर्ट के मुताबिक, ज्यादा पैदल चलने से आदमी कम जल्दी बूढ़ा होता है। वहीं अगर कोई स्लो चलता है तो वो 40 का होकर भी 50 का लगेगा। इसके उल्टा ज्यादा चलने वाला इंसान 50 का होकर भी 40 का लगेगा।