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Jharkhand Election 2024 : सरायकेला में बहने लगी उल्टी बयार, चंचल की वजह से डूबेगी चंपाई सोरेन की लुटिया

Jharkhand Election 2024 : झारखण्ड विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन की मुश्किलें बढ़ गयी है. इसकी बड़ी वजह चंचल बताये जा रहे हैं. जिनसे अधिकारी और कार्यकर्त्ता दोनों नाखुश हैं...पढ़िए आगे

चंचल से बढ़ी चम्पई की परेशानी
चम्पई सोरेन की बढ़ गयी मुश्किल - फोटो : SOCIAL MEDIA

JAMSHEDPUR : झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 की सबसे हॉट सीट सरायकेला विधानसभा को लेकर राजनीतिक पंडितों के जो आंकड़े सामने आ रहे हैं. उसपर यदि गौर करें तो इस सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन की स्थिति ठीक नहीं है. खासकर आदिवासी बहुल इलाकों में लोग उन्हें नापसंद करने लगे हैं. इसके अलावा आदित्यपुर और सरायकेला शहरी क्षेत्र में भी हालात इस बार चंपाई के फेवर में नजर नहीं आ रहे हैं. इसकी एक बड़ी वजह चंपाई के बेहद करीबी धर्मेंद्र उर्फ चंचल गोस्वामी को बताया जा रहा है. 

राजनीतिक जानकार मानते हैं कि चंचल की वजह से चम्पाई की कुर्सी गयी. बावजूद इसके चंचल को चंपाई सोरेन ने तवज्जो देते हुए उसके कहने पर ही बीजेपी का रुख किया. इसकी एक बड़ी वजह ईडी का खौफ भी रहा. चंचल ने चंपाई के पांच महीने के कार्यकाल में अकूत दौलत अर्जित की. इसकी भनक ईडी को लग चुकी थी. जैसे ही पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जेल से बाहर निकले उन्हें चंचल की सारी गतिविधियों की जानकारी मिल गयी. यही कारण है कि हेमंत सोरेन ने चंपाई से कुर्सी छीना और चंचल के खिलाफ एक्शन की तैयारी करने की योजना बना ही रहे थे कि बड़ी चालाकी से चंचल ने चम्पाई को मंत्री पद लेने के लिए मना लिया. ताकि जबतक बीजेपी के वॉशिंग मशीन में कोई जुगत न भिड़े तबतक मामला दबा रहे. 

इस बीच चंचल ने बीजेपी के आला नेताओं से संपर्क साधा. इसमें एक खबरिया चैनल के मालिक ने बड़ी भूमिका निभाई. जैसे ही चंचल को लगा कि बीजेपी में चंपाई को शामिल कराने का रास्ता मिल गया. उसने चंपाई सोरेन को बीजेपी में शामिल होने के लिए राजी कर लिया. चंपाई सोरेन को सरायकेला विधानसभा से बीजेपी का उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद चंचल ने उनके चुनावी अभियान का पूरा जिम्मा उठा लिया है. इसको लेकर बीजेपी के नेताओं को चंचल के आगे- पीछे घूमना पड़ रहा है जो उन्हें नागवार गुजर रहा है. इतना ही नहीं चंचल की वजह से कई प्रशासनिक अधिकारी भी नाराज चल रहे हैं. 

बताया जाता है कि ट्रांसफर- पोस्टिंग के नाम पर चंचल ने करोड़ों डकार लिए हैं. वे भी अब चंचल को फूटी आंख देखना नहीं चाह रहे हैं. चंचल अपने रसूख का लाभ उठाकर टाटा के सबसे पॉश इलाके में टाटा कंपनी से क्वार्टर अलॉट कराकर उसमें रह रहा है. इसके अलावा रांची में भी सरकारी बंगला पर कब्जा जमाकर बैठा हुआ है.

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