COAL COMPANIES BONUS - त्योहार पर कोयला खदान के 2.20 लाख कर्मियों की लगी लॉटरी, हर कर्मी को मिले एक-एक लाख रुपए

COAL COMPANIES BONUS - झारखंड की कोल कंपनियों ने दुर्गा पूजा के मौके पर कर्मियों का बोनस जारी कर दिया है। हर कर्मी को इस बार एक लाख से ज्यादा बोनस मिलेगा।

COAL COMPANIES BONUS - त्योहार पर कोयला खदान के 2.20 लाख कर्

Ranchi - त्योहारों के मौके पर जहां  रेलवे द्वारा 10.90 लाख कर्मियों  को 78 दिना का बोनस देने का ऐलान किया है। वहीं झारखंड के 2.20 लाख कोयला कर्मियों को एक-एक लाख बोनस दिया जा रहा है। 

इन कंपनियों के कर्मचारियों को मिलेगा लाभ

इस बोनस से कोल इंडिया की विभिन्न अनुषंगी कंपनियों के लाखों कर्मचारी लाभान्वित होंगे। इनमें बीसीसीएल, सीसीएल, ईसीएल, सीएमपीडीआई, एमसीएल, एनसीएल और एसईसीएल शामिल हैं।

यहां बड़ी कोल कंपनी को बीसीसीएल ने इससे एक कदम आगे बढ़ते हुए एक-एक लाख बोनस का भुगतान किया है।  सभी कर्मियों के खाते में आज रुपए ट्रांसफर कर दिए गए। बोनस का कुल बजट 286 करोड़ है। कंपनी प्रबंधन की ओर से बताया गया कि ज्यादातर एरिया में शुक्रवार को बोनस भुगतान कर दिया गया है। 

रिटायर वर्कर के साथ 30 हजार से ज्यादा कर्मी

मालूम हो कि बीसीसीएल कोयला कर्मियों को इस बार बोनस (प्रॉफिट लिंक्ड रिवार्ड) मद में 1.03 लाख रुपए का भुगतान किया गया है। बीसीसीएल में 30,218 कर्मियों को बोनस भुगतान किया जाना था। वर्तमान में मैनपावर उससे कम है। चालू वित्तीय वर्ष में सेवानिवृत्त कर्मियों को जोड़कर संख्या 30,218 है। 

कर्ज लेकर किया गया भुगतान

सेवारत कर्मियों को शुक्रवार की देर शाम ही भुगतान कर दिया गया। मालूम हो कि मानसून में उत्पाद-डिस्पैच प्रभावित होने से कंपनी के समक्ष वित्तीय चुनौती होने के बावजूद कुछ रकम बैंक से कर्ज लेकर कर्मियों को बोनस का भुगतान कर दिया गया। प्रबंधन सूत्रों ने बताया कि कंपनी के समक्ष ज्यादा वित्तीय चुनौती नहीं है।

पिछले साल से 8 हजार ज्यादा

कर्मियों को मिला बोनस पिछले साल की तुलना में यह बोनस काफी ज्यादा है। बीते वर्ष कर्मचारियों को ₹93,750 का बोनस मिला था। इस बढ़ोतरी से कोयला कर्मियों में खुशी की लहर है, खासकर त्योहारों के इस मौसम में।

दो चरणों की बैठक के बाद बनी सहमति

कोलकाता के एक होटल में मानकीकरण समिति की बैठक गुरुवार शाम 4:30 बजे शुरू हुई। शुरुआत में प्रबंधन ₹98,500 देने को तैयार था, जबकि पांचों श्रमिक यूनियनें ₹1.25 लाख की मांग पर अड़ी थीं।

यूनियनों का कहना था कि पिछले साल के मुकाबले कोल इंडिया का मुनाफा काफी बढ़ा है, इसलिए बोनस भी ज्यादा मिलना चाहिए। इस मांग को लेकर राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन ने बैठक से वॉकआउट भी कर दिया था।

देर रात हुआ फैसला

हालांकि, देर रात करीब 11:50 बजे दोबारा बैठक शुरू हुई और आखिरकार दोनों पक्षों के बीच ₹1.03 लाख पर सहमति बन गई। प्रबंधन ने तर्क दिया कि कंपनियों की आर्थिक स्थिति अभी भी पूरी तरह से मजबूत नहीं है और ज्यादा बोनस देने से आने वाले समय में दिक्कतें हो सकती हैं।

झारखंड के कोयला कर्मियों को इसका सबसे ज्यादा फायदा होगा, जहां लगभग ₹800 करोड़ की राशि का भुगतान किया जाएगा। इसमें अकेले बीसीसीएल को करीब ₹320 करोड़ और सीसीएल को ₹310 करोड़ मिलेंगे।

कंपनी अधिकारियों ने बताया कि प्रत्येक कर्मचारी के योगदान का सम्मान करने की सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप कोल इंडिया लिमिटेड, सहायक कंपनियों और सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड के सभी कर्मचारियों के लिए प्रॉफिट लिंक्ड रिवार्ड (पीएलआर) यानी बोनस को मंजूरी दी गई है। प्रत्येक कर्मचारी को उनके समर्पण और अथक प्रयासों के लिए 1,03 लाख रुपए मिलेंगे।