चचेरे भाई नीरज सिंह हत्याकांड में पूर्व विधायक संजीव सिंह को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत, लगभग 8 साल बाद निकलेंगे जेल से बाहर
कांग्रेस नेता एवं धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह हत्याकांड में आरोपित संजीव सिंह को चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने शुक्रवार को जमानत दे दी,लगभग 8 साल से जेल में बंद झरिया के पूर्व विधायक अब जेल से बाहर निकलेंगे

N4N डेस्क: झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है. दरअसल अपने चचेरे भाई सह धनबाद में पूर्व डिप्टी मेयर और कांग्रेस नेता नीरज सिंह सहित चार लोगों की 21 मार्च 2017 को हुई हत्या में साजिश कर्ता के तौर पर नामज़द होने के बाद गिरफ्तार किया था. जिसके बाद पुलिस ने संजीव सिंह समेत छह लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. इस मामले में अदालत में ट्रायल चल रहा है. संजीव सिंह 2017 से जेल में बंद थे और करीब आठ साल बाद अब वह बाहर आएंगे। इससे पहले उनकी जमानत अर्जी को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था. झरिया से पूर्व विधायक संजीव सिंह को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत देते हुए चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने शुक्रवार को जमानत दे दी.
अधिवक्ता की पुष्टि
संजीव सिंह के अधिवक्ता मो. जावेद ने सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने की पुष्टि की है और कहा कि अब वह जल्द ही जेल से बाहर आएंगे.
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, घटना वाले दिन यानि 21 मार्च 2017 को कांग्रेस नेता नीरज सिंह और उनके तीन समर्थकों पर की शाम को हमलावरों ने गोलियों से भून दिया था. हमला उस वक्त हुआ, जब नीरज सिंह अपनी गाड़ी से स्टील गेट स्थित अपने रघुकुल आवास जा रहे थे. नीरज सिंह की गाड़ी जैसे ही स्टील गेट के ब्रेकर पर धीमी हुई, हमलावरों ने तीनों तरफ से उन्हें घेर लिया.
जब तक नीरज सिंह कुछ समझ पाते, हमलावरों ने उन पर गोलियों की बरसात कर दी. एक के बाद एक 100 राउंड फायरिंग की. हमले में उनके निजी बॉडीगार्ड मुन्ना तिवारी, चालक घलटू और करीबी समर्थक अशोक यादव की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी. पोस्टमार्टम में नीरज के शरीर से 17 गोली निकाली गई थीं. नीरज के शरीर में गोलियों से 67 छेद हो गए थे.
लगभग 8 साल से है जेल में
घटना के 2 दिन बाद यानी 23 मार्च 2017 को मकतुल नीरज सिंह के भाई अभिषेक सिंह के सरायढेला थाने में लिखित शिकायत पर पिंटू सिंह, मनीष सिंह, महंत पांडेय, गया प्रताप सिंह और अन्य के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. बाद में इस केस में शूटरों के अलावा अन्य लोगों की गिरफ्तारी हुई थी. गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस ने झरिया के तत्कालीन विधायक संजीव सिंह को 11 अप्रैल 2017 गिरफ्तार किया था. तब से वे जेल में ही हैं.