चेन्नई के बाद इस शहर में तैयार होंगे वंदे भारत के कोच, 300 एकड़ में होगा कंपनी का विस्तार, 4000 लोगों को मिलेगी नौकरी

चेन्नई के बाद इस शहर में तैयार होंगे वंदे भारत के कोच, 300 ए

N4N desk - भारतीय रेलवे के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, अब वंदे भारत एक्सप्रेस के अत्याधुनिक कोचों का निर्माण जमशेदपुर के चाकूलिया प्रखंड में किया जाएगा। बुधवार को जमशेदपुर परिसदन में बहरागोड़ा के विधायक समीर कुमार मोहंती ने कोच निर्माण करने वाली कंपनी एमएस वोल्टास रेल प्राइवेट लिमिटेड के प्रोजेक्ट डायरेक्टर एवं सलाहकार विष्णु गर्ग के साथ बैठक की और स्थापना की दिशा में अबतक हुई प्रगति पर जानकारी ली।

बैठक में कंपनी की ओर से बताया गया कि चाकुलिया में लगभग 4000 करोड़ की लागत से इस इकाई की स्थापना की जाएगी। इसका निर्माण 300 एकड़ से अधिक जमीन पर किया जाएगा। विधायक ने बैठक में इस निर्माण इकाई की प्रगति पर चर्चा की। कंपनी की और से बताया गया की इस इकाई के स्थापित होने से स्थानीय स्तर पर 4000 से अधिक युवाओं को रोजगार मिलेगा। 

विधायक ने बताया कि परियोजना धरातल पर उतरते ही बेरोजगारी कम करने और औद्योगिक विकास में मील का पत्थर साबित होगी। समीर मोहंती ने कहा कि यह प्रोजेक्ट पूरे बहरागोड़ा विधानसभा और पूर्वी सिंहभूम के लिए एक ऐतिहासिक कदम साबित होने वाला है।

रेल मानचित्र पर जमशेदपुर की पहचान

 यह घोषणा देश में हाई-स्पीड रेल नेटवर्क के विस्तार और स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगा। एमएस वोल्टास रेल प्राइवेट को इन कोचों के निर्माण का ठेका मिला है, जो इस औद्योगिक शहर के लिए गौरव का विषय है। इस पहल से न केवल रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे, बल्कि यह जमशेदपुर को भारत के रेल निर्माण मानचित्र पर एक प्रमुख स्थान भी दिलाएगी।

अभी तक चेन्नई में हो रहा था वंदे भारत कोच का निर्माण

यह परियोजना भारत सरकार की 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। वंदे भारत एक्सप्रेस, जो अपनी गति, आराम और आधुनिक सुविधाओं के लिए जानी जाती है, भारतीय रेलवे की बदलती तस्वीर का प्रतीक है। अब तक इन कोचों का निर्माण मुख्य रूप से इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) चेन्नई में हो रहा था।  जमशेदपुर में उत्पादन शुरू होने से निर्माण क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जिससे देश भर में अधिक वंदे भारत ट्रेनों को शुरू करने में मदद मिलेगी। टीआरएफ लिमिटेड, जिसके पास भारी इंजीनियरिंग और विनिर्माण का दशकों का अनुभव है, इस कार्य के लिए पूरी तरह से तैयार है।

कंपनी कर रही अपग्रेड

एमएस वोल्टास रेल प्राइवेट ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए अपनी उत्पादन इकाइयों को अपग्रेड करना शुरू कर दिया है। अत्याधुनिक मशीनरी स्थापित की जा रही है और कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि वंदे भारत कोचों के लिए आवश्यक उच्च गुणवत्ता और तकनीकी मानकों को पूरा किया जा सके। 

कंपनी ने अपनी विशेषज्ञता और अनुभव का उपयोग करते हुए, रेलवे की सख्त गुणवत्ता नियंत्रण प्रक्रियाओं का पालन करने का आश्वासन दिया है। यह कदम जमशेदपुर के औद्योगिक कौशल को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करने का एक अवसर भी प्रदान करता है।

रेलवे अधिकारियों ने इस विकास पर संतोष व्यक्त किया है। उनका मानना है कि जमशेदपुर में कोचों का निर्माण 'आत्मनिर्भर भारत' के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह घरेलू विनिर्माण क्षमताओं को मजबूत करेगा और आयात पर निर्भरता कम करेगा। इसके साथ ही, यह झारखंड राज्य में औद्योगिक विकास को गति देगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा। सरकार का लक्ष्य है कि अगले कुछ वर्षों में देश भर में 400 से अधिक वंदे भारत ट्रेनें चलाई जाएं, और जमशेदपुर का योगदान इस लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण होगा।

यह ऐतिहासिक कदम न केवल भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण को गति देगा, बल्कि जमशेदपुर को भारत के भविष्य के रेल निर्माण केंद्र के रूप में भी स्थापित करेगा। स्थानीय निवासियों और उद्योगों में इस खबर को लेकर उत्साह का माहौल है, क्योंकि यह शहर के लिए समृद्धि और विकास के नए द्वार खोलेगा। जल्द ही, जमशेदपुर के कारखानों से निकले ये अत्याधुनिक कोच देश की पटरियों पर दौड़ते हुए भारत के विकास की नई कहानी लिखेंगे।