Jharkhand Assembly Election 2024: झारखंड में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने उम्मीदवारों के चयन को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए नई दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक मंगलवार को आयोजित की गई, जिसमें पार्टी के शीर्ष नेता शामिल हुए।
बैठक में भाग लेने वाले नेता
बीजेपी की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, और राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष के साथ-साथ अन्य प्रमुख नेताओं ने भाग लिया। बैठक में भाजपा के वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान, झारखंड की भाजपा प्रभारी अन्नपूर्णा देवी, और पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा भी उपस्थित थे। बाबूलाल मरांडी, जो झारखंड भाजपा के प्रमुख हैं, और हाल ही में भाजपा में शामिल हुए चंपई सोरेन भी इस बैठक का हिस्सा बने।
The meeting of the Central Election Committee of BJP is in progress at BJP headquarters in New Delhi. Glimpses... pic.twitter.com/VzmHdY4Fly
— BJP (@BJP4India) October 15, 2024
भाजपा-आजसू और जेडीयू गठबंधन
भाजपा ने इस बार जनता दल (यूनाइटेड) और ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ने की योजना बनाई है। इसके अलावा, पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के साथ भी गठबंधन पर विचार कर रही है, जिसका नेतृत्व केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान कर रहे हैं। गठबंधन को लेकर उम्मीद जताई जा रही है कि यह गठबंधन झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में भाजपा की स्थिति को मजबूत करेगा।
झारखंड चुनाव की तारीखें और प्रक्रिया
15 अक्तूबर को निर्वाचन आयोग ने घोषणा की है कि झारखंड में विधानसभा चुनाव दो चरणों में आयोजित किए जाएंगे। पहले चरण का मतदान 13 नवंबर को और दूसरे चरण का मतदान 20 नवंबर को होगा। इसके बाद चुनावी नतीजे 23 नवंबर को घोषित की जाएगी। पहले चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया 22 अक्टूबर से शुरू होगी।
2019 के विधानसभा चुनाव का परिणाम
भाजपा को 2019 के विधानसभा चुनाव में झारखंड में करारी हार का सामना करना पड़ा था। भाजपा ने 2014 में 37 सीटों पर जीत हासिल की थी, लेकिन 2019 में ये आकंड़ा 25 सीटों पर सिमट गई थी। वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने 81 सीटों में से 30 सीटें जीती थीं। कांग्रेस ने 16 सीटों पर और राजद ने एक सीट पर जीत हासिल की थी। तीनों दलों ने मिलकर बहुमत की सरकार बनाई थी, जिसमें हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री बने।