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Jharkhand assembly election 2024: INDIA गठबंधन में INC की स्थिति पर सवाल, जानें क्यों माना जा रहा कमजोर कड़ी?

Jharkhand assembly election 2024: INDIA गठबंधन में INC की स्थिति पर सवाल, जानें क्यों माना जा रहा कमजोर कड़ी?

Jharkhand assembly election 2024: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में पहली बार एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला होने जा रहा है। NDA का नेतृत्व भारतीय जनता पार्टी (BJP) कर रही है, जबकि इंडिया गठबंधन का नेतृत्व झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) कर रहा है। हालांकि, इस चुनावी खेल में कांग्रेस की स्थिति कमजोर नजर आ रही है। राजनीतिक जानकारों के अनुसार, कांग्रेस में गुटबाजी और संगठनात्मक सक्रियता की कमी की वजह से पार्टी को क्षेत्रीय दलों के पीछे चलना पड़ रहा है।

2019 के विधानसभा चुनाव नतीजों से मिल रहे संकेत

2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 31 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, जिसमें से केवल 16 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। हालांकि, कांग्रेस की जीत को व्यक्तिगत प्रभाव और गठबंधन की वजह से माना जाता है न कि पार्टी के संगठनात्मक ढांचे की मजबूती के कारण। उदाहरण के तौर पर खिजरी, सिमडेगा, और कोलेबिरा सीटों को छोड़कर बाकी सीटों पर जीत का श्रेय प्रत्याशियों की व्यक्तिगत पैठ को दिया जाता है। वहीं, झामुमो के उम्मीदवारों की जीत में पार्टी के चुनाव चिन्ह और संगठन की बड़ी भूमिका मानी जाती है।

कांग्रेस की कमजोर स्थिति और सीटें

इंडिया गठबंधन में कांग्रेस को कमजोर कड़ी के रूप में देखा जा रहा है, और इसके पीछे चुनावी आंकड़े हैं। जिन 16 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी, उनमें से छह सीटों पर अगर भाजपा, आजसू, और जदयू के वोट को जोड़ दिया जाए तो कांग्रेस उन सीटों पर हार जाती। यह सीटें थीं:

जरमुंडी (जहां भाजपा केवल 3,099 वोटों से हारी थी)

बड़कागांव

रामगढ़

खिजरी

सिमडेगा

लोहरदगा

कांग्रेस की जमानत जब्त होने वाली सीटें

2019 के चुनाव में कांग्रेस के 31 उम्मीदवारों में से छह सीटों पर पार्टी की जमानत जब्त हो गई थी। ये सीटें थीं:

बगोदर

जमशेदपुर पूर्वी

सिमरिया

मांडर

बिश्रामपुर

भवनाथपुर

इससे स्पष्ट होता है कि कांग्रेस की जमीनी पकड़ कमजोर है और पार्टी के कई प्रत्याशी व्यक्तिगत लोकप्रियता के आधार पर ही जीत पाए थे।

झामुमो का दबदबा और कांग्रेस की चुनौती

इंडिया गठबंधन में झामुमो की भूमिका प्रमुख है। 2019 के चुनाव में झामुमो ने 43 सीटों पर जीत दर्ज की थी, और इस बार पार्टी 49 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बना रही है। झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि झामुमो अपने बल पर 81 सीटों पर चुनाव लड़ने की ताकत रखती है। वहीं, कांग्रेस के नेताओं द्वारा उठाए गए रोटेशनल मुख्यमंत्री के मुद्दे पर भी झामुमो ने स्पष्ट संदेश दिया है कि कांग्रेस को गलतफहमी नहीं पालनी चाहिए। 

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