Crime News:करोड़ों की सरकारी जमीन की बंदरबांट का सनसनीखेज खुलासा, विनय कुमार सिंह के छह ठिकानों पर एसीबी ने मारा जोरदार छापा
Crime News:एंटी करप्शन ब्यूरो ने र नेक्सजेन ऑटोमोबाइल के मालिक विनय कुमार सिंह के छह ठिकानों पर छापेमारी कर सनसनी फैला दी।

Crime News:एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने रविवार की सुबह नेक्सजेन ऑटोमोबाइल के मालिक विनय कुमार सिंह के छह ठिकानों पर छापेमारी कर सनसनी फैला दी। तलाशी अभियान में झारखंड के हजारीबाग में एसीबी की टीम उनके आवास, शोरूम और अन्य पांच ठिकानों पर पहुंची और दस्तावेजों के साथ-साथ डिजिटल सबूतों की जांच शुरू कर दी।
यह कार्रवाई 2013 के एक घोटाले की जांच में की जा रही है, जिसमें जंगल की सरकारी अवैध जमाबंदी का मामला सामने आया था। 당시 डीसी हजारीबाग ने पांच प्लॉट की जमाबंदी को अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया था, और झारखंड सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने भी इसे सही ठहराया था।
वन प्रमंडल पदाधिकारी के एक पत्र में साफ किया गया कि अधिसूचित वन भूमि पर गैर-वानिकी कार्य या अतिक्रमण करना भारतीय वन अधिनियम, 1927 और वन संरक्षण अधिनियम, 1980 का उल्लंघन है। पत्र में सुप्रीम कोर्ट के 12 दिसंबर 1996 के आदेश का भी हवाला दिया गया, जिसमें कहा गया कि जंगल-झाड़ी दर्ज भूमि के गैर-वन उपयोग के लिए भारत सरकार की पूर्व अनुमति अनिवार्य है।
एसीबी ने हजारीबाग थाना में कांड संख्या 11/25 दर्ज कर कार्रवाई शुरू की। जांच में सामने आया कि यह जमीन सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेशों के तहत संरक्षित वन क्षेत्र श्रेणी में आती है, लेकिन इसे विनय कुमार सिंह और उनकी पत्नी स्निग्धा सिंह के नाम पर अवैध तरीके से दाखिल-खारिज कर दिया गया।
तीन दिन पहले, 25 सितंबर को विनय कुमार सिंह को गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि उन्होंने सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर गैर-मजरुआ विशेष किस्म की वन भूमि का अवैध जमाबंदी करवाई। जांच में करोड़ों की इस सरकारी जमीन की बंदरबांट में विनय कुमार सिंह की मिलीभगत की पुष्टि हुई है।
विशेष सूत्रों के अनुसार, जब विनय चौबे हजारीबाग में डीसी थे, तब यह अवैध प्रक्रिया संपन्न हुई थी। एसीबी अब पूरी कार्रवाई में किसी भी स्तर पर मिलीभगत को उजागर करने के लिए दस्तावेज और बैंक रिकॉर्ड खंगाल रही है।