Cold Feet Symptoms: बेवजह ठंडे महसूस हो रहे पैर! बड़ी बीमारी के है संकेत, जानें वजह और इससे जुड़े उपाय

Cold Feet Symptoms: क्या आपके पैर हर मौसम में ठंडे रहते हैं? जानिए इसके पीछे छिपे हो सकते हैं कौनसे गंभीर कारण – जैसे नर्व डैमेज, ब्लड सर्कुलेशन या थायराइड की बीमारी। कब डॉक्टर से मिलना चाहिए, यह भी पढ़ें।

Cold Feet Symptoms
पैरों का लगातार ठंडा रहना- फोटो : social media

Cold Feet Symptoms: कई लोगों को ऐसा अनुभव होता है कि उनके पैर, विशेष रूप से तलवे और उंगलियाँ, हमेशा ठंडी रहती हैं – चाहे बाहर का मौसम गर्म हो या सर्द। यह स्थिति अधिकांश लोग सामान्य मान लेते हैं और घरेलू उपायों तक ही सीमित रहते हैं। लेकिन लगातार ठंडे पैर, विशेष रूप से यदि उनमें झुनझुनी, सुन्नता या रंग परिवर्तन भी हो, तो यह किसी गंभीर आंतरिक समस्या की ओर इशारा कर सकता है।

ठंडे पैरों के प्रमुख कारण

सबसे सामान्य कारणों में से एक है खराब रक्त प्रवाह (Poor Circulation)। जब हृदय से पैरों तक रक्त सुचारू रूप से नहीं पहुंचता, तो पैर ठंडे हो सकते हैं।उच्च कोलेस्ट्रॉल और धमनियों में ब्लॉकेज (Peripheral Arterial Disease) इस रुकावट के मुख्य कारण हो सकते हैं।इसके अन्य लक्षणों में चलने में दर्द, पैरों में थकान, और नाखूनों या त्वचा का रंग बदलना शामिल हैं। यदि आप स्मोकिंग करते हैं या हाई ब्लड प्रेशर की दवाएं लेते हैं, तो जोखिम और बढ़ सकता है।

पेरीफेरल न्यूरोपैथी (Peripheral Neuropathy)

यह मुख्यतः डायबिटीज से जुड़ी नसों की बीमारी है, जिसमें पैरों की नसें धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। इसमें

पैरों में ठंडक के साथ-साथ जलन, झुनझुनी या सुन्नता होती है। संतुलन में परेशानी और रात को बेचैनी होती है। पैरों में चुभन या बिजली जैसी झटका महसूस होता है। यह स्थिति बिना दर्द के भी हो सकती है, जिससे व्यक्ति को देर से पता चलता है।

हाइपोथायरॉइडिज्म (Hypothyroidism)

थायरॉयड ग्रंथि का कमज़ोर होना शरीर की ऊर्जा और तापमान नियंत्रण को प्रभावित करता है। इसके कई तरह के लक्षण होते हैं, जो इस प्रकार है: 

लगातार ठंड लगना

वजन बढ़ना, त्वचा का सूखापन, बाल झड़ना

थकावट, धीमी दिल की धड़कन

अगर आपके हाथ और पैर ठंडे रहते हैं और थकावट हमेशा बनी रहती है, तो थायरॉइड जांच जरूरी हो जाती है।

रेनॉड सिंड्रोम (Raynaud’s Syndrome)

यह एक ऑटोइम्यून समस्या है, जिसमें सर्दी या मानसिक तनाव के कारण उंगलियों और पैरों की रक्त नलिकाएं संकुचित हो जाती हैं।विशेष लक्षण के तौर पर पैरों या उंगलियों का रंग नीला, सफेद या पीला पड़ जाता है। अचानक ठंडक लगना और झुनझुनी लगने लगती है। थोड़ी सी ठंड लगने पर भी अत्यधिक प्रतिक्रिया देखने को मिलती है। रेनॉड सिंड्रोम के लक्षण महिलाओं में ज़्यादा देखे गए हैं और यह सामान्य जीवन को प्रभावित कर सकता है।

कब डॉक्टर से मिलना चाहिए?

ठंडे पैर कई बार गंभीर स्थितियों का संकेत हो सकते हैं। इन लक्षणों के दिखने पर डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है:

पैरों की त्वचा का रंग बदल रहा हो

झुनझुनी या सुन्नता लंबे समय तक बनी रहे

चलने में दर्द या थकान

पैरों में घाव जो जल्दी ठीक नहीं हो रहा

दिल की बीमारियों या डायबिटीज का इतिहास हो

घरेलू उपाय और प्राथमिक देखभाल

 ठंडे पैर से बचने के लिए कुछ जरूरी घरेलू उपाय का इस्तेमाल कर सकते हैं। जैसे गर्म पानी से फुट सोकिंग करें,गर्म मोज़े पहनें, विशेष रूप से रात में, हल्की व्यायाम गतिविधियां अपनाएं, जैसे टहलकदमी या स्ट्रेचिंग। ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने के लिए पैरों को ऊंचाई पर रखें, लेकिन अगर ये उपाय काम नहीं कर रहे हैं तो तुरंत विशेषज्ञ की राय लें।

ध्यान दें: यह उपाय सिर्फ अस्थायी राहत के लिए हैं, मेडिकल सलाह की जगह नहीं ले सकते।