आज से लग गए हैं होलाष्टक, अगले 8 दिन फैली रहेगी नकारात्मक ऊर्जा.. इन दिनों में क्या करना चाहिए, क्या नहीं
होलाष्टक 6 मार्च से शुरू होकर 14 मार्च तक चलेगा। इस दौरान ग्रहों की नकारात्मक ऊर्जा से वातावरण में अशुभ प्रभाव पड़ता है। जानें इस समय के दौरान क्या करना चाहिए और किन कार्यों से बचना चाहिए।

होलाष्टक का महत्व हिंदू धर्म में काफी गहरा है, और यह 6 मार्च से 14 मार्च तक मनाया जाएगा। इस दौरान ग्रहों की नकारात्मकता बढ़ने से आठ दिनों तक वातावरण में अशुभ प्रभाव रहता है। आइए जानें होलाष्टक के दौरान हमें क्या करना चाहिए और किन कार्यों से बचना चाहिए।
होलाष्टक का प्रभाव
होलाष्टक का आरंभ 6 मार्च से होगा और यह 14 मार्च तक चलेगा। इस दौरान सभी ग्रह अपनी उग्र अवस्था में होते हैं, जिससे जीवन में नकारात्मक प्रभाव बढ़ता है। इस समय को अशुभ माना जाता है, खासकर मांगलिक कार्यों के लिए।
होलाष्टक में क्या नहीं करना चाहिए?
होलाष्टक के दौरान विवाह, नए घर में प्रवेश, भूमि पूजन, वाहन खरीदारी जैसी शुभ और मांगलिक कार्यों को टाल देना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दौरान इन कार्यों से कष्ट और समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। खासकर विवाह के मामलों में इस दौरान कलह और रिश्तों में दरारें आ सकती हैं। होलाष्टक के दौरान, नवविवाहिताओं को मायके में रहने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, किसी की मृत्यु होने पर अंत्येष्टि संस्कार के लिए शांति पूजन करना आवश्यक होता है।
होलाष्टक का महत्व और पूजा विधि
धार्मिक मान्यता के अनुसार, होलाष्टक के दौरान भगवान हनुमान, भगवान विष्णु और भगवान नरसिंह की पूजा करने से सभी समस्याएं दूर होती हैं। इस दौरान महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी बहुत फायदेमंद होता है। यह मंत्र व्यक्ति को स्वास्थ्य लाभ और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति दिलाता है। होलाष्टक के दिनों में पूजा का विशेष महत्व है क्योंकि इस समय मौसम में बदलाव होता है और शरीर की ऊर्जा प्रभावित होती है। इस दौरान दिनचर्या में अनुशासन बनाए रखना चाहिए, साथ ही खानपान पर भी ध्यान देना जरूरी है।
होलाष्टक के उपाय
- संतान के लिए: यदि किसी दंपति को संतान की प्राप्ति में समस्या हो रही है, तो होलाष्टक में लड्डु गोपाल की पूजा करें और गाय के घी तथा मिश्री से हवन करें।
- करियर में सफलता के लिए: घर या ऑफिस में जौ, तिल, और शक्कर से हवन करवाएं। इससे करियर में आने वाली सभी बाधाएं समाप्त हो सकती हैं।
- धन प्राप्ति के लिए: कनेर के फूल, हल्दी, पीली सरसों, और गुड़ से हवन करने से आर्थिक संकट दूर हो सकते हैं।
- स्वास्थ्य के लिए: महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें और गुग्गल से हवन करें। यह असाध्य रोगों से मुक्ति दिलाने के लिए माना जाता है।
- सुखमय जीवन के लिए: हनुमान चालीसा और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से जीवन में खुशहाली आ सकती है।
निष्कर्ष
होलाष्टक का समय एक प्रकार से नकारात्मक ऊर्जा से बचने का होता है। इस दौरान किए गए धार्मिक कार्यों से न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि जीवन में शुभ फल भी प्राप्त होते हैं। हालांकि, इस समय शुभ कार्यों से बचना चाहिए, लेकिन पूजा, व्रत, और दान जैसे कार्य करके पुण्य अर्जित किया जा सकता है। इसलिए इस समय का सदुपयोग करें और अपने जीवन को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाएं।