Health News: बिना खर्च, बिना मेहनत—गहरी सांसों से तन-मन को दें नई ताकत,48 घंटे में बदल जाए शरीर, इम्यूनिटी से दर्द तक, जानें कैसे
Health News: IGIMS के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ रोहित उपाध्याय के अनुसार , गहरी सांस लेने (डीप ब्रीदिंग) की तकनीक न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है, बल्कि मानसिक शांति और इम्यूनिटी को भी बूस्ट करती है।

Health News: आधुनिक जीवन की भागदौड़ में हम अक्सर सही तरीके से सांस लेना भूल जाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिर्फ गहरी सांस लेने की आदत आपके शरीर और मन को 48 घंटे के भीतर नई ऊर्जा दे सकती है? IGIMS के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ रोहित उपाध्याय के अनुसार , गहरी सांस लेने (डीप ब्रीदिंग) की तकनीक न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है, बल्कि मानसिक शांति और इम्यूनिटी को भी बूस्ट करती है। गहरी सांस लेने से महज दो दिन में आपके जीवन में बदलाव दिखने शुरु हो जाते हैं।
1. इम्यूनिटी को मिलेगी ताकत
डॉ रोहित उपाध्याय के अनुसार गहरी सांस लेने से शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ता है, जो रक्त परिसंचरण को बेहतर बनाता है। इससे इम्यून सिस्टम की कोशिकाएं सक्रिय होती हैं और शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। डॉ उपाध्याय के अनुसार प्रतिदिन 10-15 मिनट गहरी सांस लेने से 48 घंटे के भीतर लिम्फोसाइट्स (प्रतिरक्षा कोशिकाएं) की गतिविधि में सुधार देखा गया है। इससे सर्दी-जुकाम और अन्य छोटी-मोटी बीमारियों से बचाव होता है।
IGIMS के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ रोहित उपाध्याय ने बताया कि सुबह खुली हवा में 5-10 मिनट डायाफ्रामिक ब्रीदिंग (पेट से गहरी सांस) करें। सांस को 4 सेकंड में लें, 4 सेकंड रोकें, और 6 सेकंड में धीरे-धीरे छोड़ें।
2. तनाव और चिंता में राहत
यहीं नहीं गहरी सांस लेना तनाव कम करने का सबसे आसान और त्वरित तरीका है। डॉ रोहित उपाध्याय ने बताया कि यह पैरासिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम को सक्रिय करता है, जो शरीर को रिलैक्स मोड में ले जाता है। इससे स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल का स्तर कम होता है। डॉ रोहित उपाध्याय कहा कहना है कि 48 घंटे तक नियमित गहरी सांस लेने से नींद की गुणवत्ता सुधरती है और चिंता का स्तर 30 फीसदी तक कम हो सकता है।
प्रोफेसर डॉक्टर रोहित उपाध्याय के अनुसार दिन में 3-4 बार 2 मिनट के लिए 4-7-8 ब्रीदिंग तकनीक 4 सेकंड में सांस लें, 7 सेकंड रोकें, और 8 सेकंड में छोड़ें।
3. दर्द में मिलेगी राहत
IGIMS के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ रोहित उपाध्याय ने बताया कि गहरी सांस लेने से शरीर में एंडोर्फिन्स (प्राकृतिक दर्द निवारक हार्मोन) का स्राव बढ़ता है। यह पुराने दर्द, जैसे कमर दर्द, सिरदर्द, या मांसपेशियों के दर्द को कम करने में मदद करता है। एक शोध के मुताबिक, गहरी सांस की प्रैक्टिस 48 घंटे के भीतर दर्द की तीव्रता को 20-25 फीसदी तक कम कर सकती है। यह तकनीक खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जो बिना दवाओं के दर्द से राहत चाहते हैं।
डॉक्टर रोहित उपाध्याय ने बताया कि दर्द के समय शांत जगह पर बैठकर 5 मिनट तक धीमी और गहरी सांस लें। सांस लेते समय दर्द वाली जगह पर ध्यान केंद्रित करें।
4. पाचन तंत्र होगा मजबूत
यहीं नहीं गहरी सांस लेने से डायाफ्राम की मूवमेंट पाचन अंगों की मालिश करती है, जिससे पाचन क्रिया सुधरती है। यह कब्ज, ब्लोटिंग, और अपच जैसी समस्याओं को कम करता है। ऑक्सीजन की बढ़ी हुई आपूर्ति आंतों की कार्यक्षमता को बेहतर बनाती है। 48 घंटे तक नियमित डीप ब्रीदिंग करने से पाचन तंत्र में हल्कापन और ऊर्जा का अनुभव होता है।
प्रोफेसर डॉक्टर रोहित उपाध्याय के अनुसार खाना खाने के 30 मिनट बाद 5 मिनट तक गहरी सांस लें। पेट को फुलाते हुए सांस लें और धीरे-धीरे छोड़ें।
5. मानसिक एकाग्रता और ऊर्जा में इजाफा
डॉक्टर रोहित उपाध्याय के अनुसार गहरी सांस लेने से मस्तिष्क को अधिक ऑक्सीजन मिलता है, जिससे मानसिक स्पष्टता और एकाग्रता बढ़ती है। यह थकान को कम करता है और दिनभर ऊर्जा का स्तर बनाए रखता है। 48 घंटे की डीप ब्रीदिंग प्रैक्टिस से दिमागी कोहरा (ब्रेन फॉग) कम होता है और निर्णय लेने की क्षमता में सुधार होता है।
डॉक्टर उपाध्याय ने बताया कि काम के बीच में 2-3 मिनट के लिए बॉक्स ब्रीदिंग (4 सेकंड सांस लें, 4 सेकंड रोकें, 4 सेकंड छोड़ें, 4 सेकंड रुकें) करें।
क्यों है गहरी सांस इतनी खास?
IGIMS के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ रोहित उपाध्याय का कहना है कि गहरी सांस लेने से वागस नर्व उत्तेजित होता है, जो शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्यों को नियंत्रित करता है। यह हृदय गति, रक्तचाप, और भावनात्मक संतुलन को बेहतर बनाता है। सबसे बड़ी बात, यह तकनीक मुफ्त, आसान, और कहीं भी की जा सकती है।
बिहार के संदर्भ में
IGIMS के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ रोहित उपाध्याय ने बताया कि बिहार में गर्मी और तनाव भरे माहौल में गहरी सांस की प्रैक्टिस और भी जरूरी हो जाती है। गहरी सांस शरीर को ठंडा और हाइड्रेटेड रखने में भी मदद करती है।डॉ उपाध्याय ने बताया कि गहरी सांस लेना कोई जादू नहीं, बल्कि विज्ञान पर आधारित एक साधारण उपाय है, जो 48 घंटे में आपके शरीर और मन को नई ताकत दे सकता है। इम्यूनिटी बढ़ाने से लेकर दर्द और तनाव कम करने तक, यह तकनीक हर उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद है।