Health News: अंकुरित आलू बन जाते हैं जहर ! खाने से शरीर को होगा भारी नुकसान, स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी जान लीजिए
Health News: स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो थोड़ी सी लापरवाही से आम सब्जियां भी जहर में तब्दील हो सकती हैं। इसलिए रसोई में रखे इन सामान्य खाद्य पदार्थों को समझदारी से इस्तेमाल और स्टोर करना बेहद जरूरी है।

Health News: रसोई में आम तौर पर इस्तेमाल होने वाले आलू और प्याज यदि सही तरीके से नहीं रखे जाएं या अधिक समय तक स्टोर कर दिए जाएं तो यह स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकते हैं। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अंकुरित या हरे पड़े आलू में मौजूद कुछ जहरीले तत्व शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
अंकुरित आलु जहर
जानकारों के अनुसार, जब आलू अंकुरित होने लगते हैं या उनमें हरापन आने लगता है तो उनमें ग्लाइकोअल्कलॉइड्स नामक जहरीले यौगिकों का स्तर बढ़ने लगता है। इनमें मुख्य रूप से सोलनिन और चाकोनिन शामिल होते हैं। ये यौगिक सामान्यतः आलू में कीट और बीमारियों से बचाव के लिए प्राकृतिक रूप से पाए जाते हैं, लेकिन इनकी अधिक मात्रा मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक बन जाती है।
ये हैं लक्षण
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अधिक मात्रा में सोलनिन का सेवन करने से पेट दर्द, मरोड़, मतली, उल्टी और दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं। वहीं गंभीर मामलों में सिरदर्द, चक्कर, बुखार, रक्तचाप में गिरावट, तेज हृदय गति, मांसपेशियों में कमजोरी और यहां तक कि सांस लेने में परेशानी और कोमा जैसी स्थितियां भी उत्पन्न हो सकती हैं।
डायबिटीज के मरीजों के लिए खतरनाक
इसके अलावा, जब आलू अंकुरित होते हैं तो वे अपने पोषक तत्वों का उपयोग अंकुरों के विकास में कर देते हैं। जिससे उसमें मौजूद विटामिन और मिनरल्स की मात्रा घट जाती है। साथ ही स्टार्च शुगर में बदलने लगता है, जिससे आलू का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बढ़ जाता है। यह विशेष रूप से डायबिटीज के मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है क्योंकि यह ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ा सकता है।
ऐसे आलुओं का ना करें सेवन
हालांकि, यदि आलू में केवल हल्के अंकुर हैं और वह ज्यादा नरम या हरा नहीं हुआ है तो उसके अंकुरों और हरे हिस्से को काटकर तथा छिलका हटाकर अच्छे से पकाकर उसका उपयोग किया जा सकता है। लेकिन अगर आलू अधिक नरम हो गया है या बहुत ज्यादा हरा है, तो उसे फेंक देना ही बेहतर विकल्प माना जाता है।
अंकुरित प्याज खतरनाक नहीं
वहीं दूसरी ओर अंकुरित प्याज उतना खतरनाक नहीं होता जितना आलू, क्योंकि प्याज में सोलनिन नहीं पाया जाता। हालांकि इसमें सल्फर यौगिक होते हैं, जो कुछ लोगों में गैस, अपच या पेट में हल्की गड़बड़ी जैसी समस्याएं पैदा कर सकते हैं। साथ ही अंकुरित प्याज का स्वाद कड़वा और बनावट रबर जैसी हो सकती है।
इन प्याजों की ना करें सेवन
यदि प्याज अधिक समय तक रखा गया है और उसमें अंकुर आ गए हैं तो उसमें फफूंदी या सड़न की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे प्याज का सेवन फूड पॉइजनिंग का कारण बन सकता है। हालांकि यदि प्याज सड़ा नहीं है और केवल हल्के अंकुर निकले हैं, तो अंकुर हटाकर उसका उपयोग किया जा सकता है। लेकिन नरम, सड़ा या फफूंदी लगा प्याज त्याग देना ही समझदारी है।
आलू-प्याज को साथ ना रखें
भंडारण को लेकर भी विशेषज्ञों की खास सलाह है कि आलू और प्याज को एक साथ न रखें। प्याज से निकलने वाली एथिलीन गैस आलू के अंकुरण की प्रक्रिया को तेज कर देती है, जिससे आलू जल्दी खराब हो सकते हैं। दोनों को अलग-अलग, ठंडी, सूखी और अंधेरी जगहों पर स्टोर करना बेहतर होता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो थोड़ी सी लापरवाही से आम सब्जियां भी जहर में तब्दील हो सकती हैं। इसलिए रसोई में रखे इन सामान्य खाद्य पदार्थों को समझदारी से इस्तेमाल और स्टोर करना बेहद जरूरी है।