Women's Day 2025: जानिए क्या डेटिंग की इच्छा और डेटिंग के प्रेशर में फर्क.. यहां समझिए

वुमेंस डे पर किए गए एक सर्वे में डेटिंग की इच्छा और प्रेशर के बीच के फर्क को समझने की कोशिश की गई है। जानिए महिलाएं डेटिंग को लेकर कैसे सोचती हैं और क्या है उनकी मंशा।

डेटिंग की इच्छा और डेटिंग के प्रेशर में फर्क

आजकल डेटिंग एक सामान्य बात बन चुकी है। लेकिन क्या डेटिंग की इच्छा और डेटिंग के प्रेशर में फर्क होता है? महिलाओं के मन में किस प्रकार की भावनाएं होती हैं जब वे डेटिंग के बारे में सोचती हैं, और क्या यह केवल एक शौक है या फिर किसी दबाव के कारण किया जाता है?

हाल ही में एक डेटिंग ऐप, QuackQuack ने इस बारे में एक सर्वे किया है। इस सर्वे का उद्देश्य यह जानना था कि महिलाएं डेटिंग को किस नजरिए से देखती हैं और क्या उनके लिए डेटिंग में दिलचस्पी और दबाव के बीच कोई अंतर है। इस सर्वे में 8500 से ज्यादा महिलाओं ने हिस्सा लिया, जिनकी उम्र 20 से 35 वर्ष के बीच थी। इन महिलाओं से यह सवाल पूछा गया कि डेटिंग की इच्छा और डेटिंग के प्रेशर के बीच में वे क्या फर्क महसूस करती हैं।



डेटिंग में दिलचस्पी और दबाव में फर्क
सर्वे के अनुसार, महिलाओं ने बताया कि अगर कोई उन्हें डेट पर जाने का निमंत्रण देता है और वे इसके लिए दिलचस्पी महसूस करती हैं, तो यह एक सकारात्मक अनुभव होता है। लेकिन अगर कोई लगातार कोशिश करके उन्हें डेट पर ले जाने का दबाव डालता है, तो यह उन्हें असहज बना सकता है।

वहीं, एक और दिलचस्प पहलू सामने आया जब 38% महिलाओं ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति लगातार मैसेज करके जवाब पाने का दबाव डालता है, तो उन्हें लगता है कि यह एक कोशिश नहीं बल्कि एक ज़ोर-ज़बरदस्ती है। इसका मतलब यह हुआ कि अगर किसी व्यक्ति ने तय समय पर जवाब नहीं दिया, तो बार-बार संपर्क करने से चीजें और खराब हो सकती हैं।



सोशल मीडिया के डिजिटल सीमाएं
इसके अलावा, सर्वे में यह भी पाया गया कि महिलाएं सोशल मीडिया पर अपनी जानकारी साझा करने में सतर्क रहती हैं। Tier 1 और Tier 2 शहरों की 28% महिलाओं ने कहा कि वे डेटिंग के दौरान किसी से सोशल मीडिया पर संपर्क तभी करती हैं, जब उन्होंने 2-3 हफ्ते तक बात की हो। और 22% महिलाएं मानती हैं कि उन्हें अपनी जानकारी साझा करने का अधिकार है और इस संबंध में अपने स्पेस का ख्याल रखना चाहिए।



'No' मतलब 'No' ही होता है
एक और महत्वपूर्ण परिणाम सामने आया, जो कि महिलाओं के लिए एक अहम संदेश हो सकता है: 24 साल से कम उम्र की 19% महिलाएं किसी को सीधे 'No' कहने में असहज महसूस करती हैं। वे अक्सर इसे घुमा फिरा कर कहती हैं, जैसे "मैं बिजी हूं" या "देखते हैं", जो वास्तव में एक 'No' होता है।



फ्लर्टिंग को लेकर महिलाओं का नजरिया
सर्वे में शामिल महिलाओं ने यह भी बताया कि फ्लर्टिंग तभी अच्छी लगती है, जब वह दोनों ओर से हो। 30 वर्ष से ऊपर की 17% महिलाओं ने माना कि उन्होंने कभी फ्लर्ट करने की कोशिश की है, लेकिन अगर सामने वाला ठीक से जवाब नहीं देता है तो फ्लर्टिंग बंद कर देना चाहिए।



निष्कर्ष:
इस सर्वे से यह स्पष्ट हुआ कि डेटिंग में दिलचस्पी और दबाव में फर्क होता है। जहां एक तरफ महिलाएं डेटिंग में दिलचस्पी रखने का स्वागत करती हैं, वहीं दूसरी तरफ अगर कोई उन्हें किसी दबाव में डालता है तो वह असहज हो जाती हैं। इस सर्वे से एक महत्वपूर्ण संदेश यह है कि डेटिंग का फैसला दोनों पक्षों के इमोशनल इंटेलिजेंस पर आधारित होना चाहिए, और यह तभी सफल हो सकता है जब दोनों व्यक्ति एक-दूसरे को स्पेस दें और एक-दूसरे की इच्छाओं का सम्मान करें। इस Women's Day पर यह सर्वे हमें यह याद दिलाता है कि डेटिंग में समझदारी और सहमति की भूमिका सबसे अहम है। महिलाओं के लिए जरूरी है कि वे अपनी पसंद और सीमाओं का सम्मान करें और बिना किसी दबाव के अपने निर्णय लें।

Conclusion:
आखिरकार, महिलाओं को डेटिंग को लेकर अपनी इच्छाओं और सीमाओं का पालन करने का पूरा हक है। यह जरूरी है कि डेटिंग का अनुभव एक समान रूप से सुरक्षित और सहमति पर आधारित हो, न कि किसी दबाव या मजबूरी से।

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