हिंदू धर्म के अनुसार भगवान सूर्य देव एक मात्र ऐसे देव हैं, जो साक्षात दिखाई देते हैं। हर दिन सुबह सूर्य देव को अर्घ्य देने से सफलता, शांति और शक्ति की प्राप्ति होती है। रोज सुबह सूर्य देव की किरणें धरती पर पड़ती हैं तो संसार में उजाला फैल जाता है। इसी तरह जीवन के अंधकार को दूर करने के लिए भी सूर्य भगवान की उपासना करने का महत्व शास्त्रों में बताया गया है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार सूर्य देव के पिता का नाम कश्यप है। उनकी माता अदिति है। देवताओं में भी सूर्य का खास महत्व माना गया है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार सूर्य देव की दो पत्नियां हैं, जिनका नाम संध्या और छाया है। साथ ही शनिदेव भगवान सूर्य के बेटे हैं। यमराज और देवी यमुना को इनकी संतान माना जाता है।
सूर्य को नवग्रहों का राजा कहा जाता है। ज्योतिष में सूर्य को पिता के भाव कर्म का स्वामी माना गया है। इसलिए पिता-पुत्र के रिश्तों में लाभ के लिए सूर्य की पूजा पुत्र को करनी चाहिए। सूर्य देव की कृपा होने से कुंडली में नकारात्मक प्रभाव देने वाले ग्रहों का प्रभाव भी कम होता है।