MP Kharagon: मध्य प्रदेश के खरगोन जिले की धार्मिक नगरी मंडलेश्वर, जो मां नर्मदा के किनारे स्थित है, कुछ वर्षों पहले तक कचरे के ढेर और गंदगी से परेशान थी। जगह-जगह कचरे के अड्डे बने हुए थे, जहां घरों का कचरा और नालियों की सफाई के दौरान निकाली गई गंदगी जमा होती थी। इन स्थलों से उठने वाली बदबू और गंदगी का बहाव नर्मदा नदी तक पहुंचता था, जिससे पर्यावरणीय समस्याएं बढ़ रही थीं।
कचरे के अड्डों का सफाया: नगर परिषद की पहल
आज स्थिति पूरी तरह बदल चुकी है। मंडलेश्वर नगर परिषद ने एक अनोखे और प्रभावी तरीके से इन कचरे के अड्डों को खत्म करने में सफलता पाई है। न केवल शहर की गंदगी से छुटकारा मिला, बल्कि लोगों की मानसिकता में भी बदलाव आया है। इसके चलते नर्मदा में कचरे का प्रवाह भी कम हुआ है।
शहर में 5-6 प्रमुख स्थान थे, जहां पिछले 50 वर्षों से कचरा जमा होता था। ये स्थान, जिन्हें "ब्लैक स्पॉट" कहा जाता था, वार्ड 1, 4, 6, 10, 11 और 15 में स्थित थे। इन स्थलों को खत्म करने में नगर परिषद ने केवल छह महीने का समय लिया, जिससे न केवल शहर का सौंदर्य बढ़ा, बल्कि स्थानीय निवासियों को बदबू और अस्वच्छता से भी राहत मिली।
कई प्रयोगों से हासिल की सफलता
नगर परिषद अध्यक्ष, विश्वदीप मोयदे ने बताया कि पुराने कचरा स्थलों को समाप्त करना आसान नहीं था। सफाई कर्मचारियों और स्थानीय लोगों के सहयोग से यह चुनौतीपूर्ण काम पूरा हुआ।
इन प्रयासों में मुख्य प्रयोग:
सतत निगरानी: सुबह-सुबह कर्मचारियों की तैनाती, जो कचरा फेंकने वाले लोगों को रोकते थे।
सीसीटीवी का स्मार्ट उपयोग: कचरे के अड्डों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने की बजाय नोटिस बोर्ड लगाए गए। इन पर लिखा था कि "आप सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में हैं। यदि कचरा फेंकते हुए पकड़े गए, तो ₹500 का जुर्माना लगेगा।"
इस चेतावनी का प्रभाव इतना व्यापक हुआ कि लोगों ने कचरा फेंकना बंद कर दिया। वहीं, जिन घरों में पहले से सीसीटीवी कैमरे लगे थे, उनकी मदद ली गई। इस रणनीति से नगर परिषद को नए कैमरे लगाने की जरूरत नहीं पड़ी, जिससे लाखों रुपये की बचत हुई।
सफाई व्यवस्थाओं में बदलाव
कचरा अड्डों को खत्म करने से पहले नगर परिषद ने अपनी सफाई व्यवस्थाओं में भी सुधार किया। सफाई कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया और नालियों की सफाई के दौरान गंदगी को तुरंत कचरा वाहनों में डालने की व्यवस्था की गई। इस प्रक्रिया से सड़क पर गंदगी जमा होने की समस्या भी समाप्त हुई।
मंडलेश्वर: स्वच्छता का नया मॉडल
मंडलेश्वर नगर परिषद का यह प्रयास केवल गंदगी के अड्डों को खत्म करने तक सीमित नहीं है। इस पहल ने शहर को स्वच्छता का एक आदर्श मॉडल बना दिया है, जिससे न केवल नगर की सुंदरता बढ़ी है, बल्कि स्थानीय निवासियों के जीवन में भी सुधार हुआ है।