देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में जल्द राहत मिल सकती है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने 21 अक्टूबर 2024 को एक बयान में कहा, "तेल की कोई कमी नहीं है।" उनका यह बयान अंतरराष्ट्रीय बाजारों में ब्रेंट क्रूड और क्रूड ऑयल की कीमतों में लगातार गिरावट के बीच आया है, जिससे यह संभावना जताई जा रही है कि देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें भी कम हो सकती हैं।
हाल ही में, पेट्रोलियम मंत्रालय के सचिव पंकज जैन ने कहा था कि अगर कच्चे तेल की कीमतें लंबे समय तक कम बनी रहती हैं, तो तेल कंपनियां कीमतों में कमी पर विचार कर सकती हैं। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले कुछ महीनों में भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं, जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजी से परिवर्तन देखने को मिल रहा है।
अधिकांश भारतीय नागरिक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में राहत की उम्मीद कर रहे हैं, खासकर चुनावों से पहले। मार्च 2024 में, सरकार ने चुनावों से पहले पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी, लेकिन इसके बाद से कीमतें फिर से बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं।
भारत, जो अपनी तेल जरूरतों का 85% आयात करता है, कीमतों में कमी की स्थिति में आयात बिल और महंगाई पर नियंत्रण पा सकता है। अगर कच्चे तेल की कीमतें 70 डॉलर प्रति बैरल के आसपास बनी रहती हैं, तो यह निश्चित रूप से भारतीय उपभोक्ताओं को राहत देगा। हालांकि, हालिया घटनाक्रमों के कारण, जैसे कि पश्चिम एशिया में बढ़ता तनाव और युद्ध की संभावना, बाजार में अनिश्चितता बनी हुई है। इस कारण, उपभोक्ता अभी भी उच्च कीमतों से प्रभावित हो रहे हैं