NEW DELHI -भारत में रेलवे सफर के लिए सस्ता और सबसे बेहतर साधन माना जाता है। जिसमें अमीर गरीब हर तबके के लोग सफर करते हैं। देश की अर्थव्यवस्था की लाइफलाइन कही जानेवाले रेलवे में अब सफर करना अब महंगा हो सकता है। दुनिया के चौथे सबसे बड़े रेल नेटवर्क में यात्री किराए में बढ़ोत्तरी की तैयारी है।
समीक्षा रिपोर्ट संसद में पेश
दरअसर पिछले हफ्ते लोकसभा में संसदीय स्थायी समिति ने मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें उन्होंने विभिन्न ट्रेनों में अपने यात्री किराए की समीक्षा करने को कहा। बीजेपी सांसद सी. एम. रमेश की अध्यक्षता वाली कमेटी ने 2024-25 के लिए बजट अनुमानों पर गौर किया, जिसमें माल ढुलाई से 1.8 लाख करोड़ रुपये की तुलना में यात्री राजस्व 80,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया गया है।
किराये पर विश्लेषण की बताई जरुरत
कमेटी ने अलग-अलग श्रेत्री की रेल यात्राओं के किराए के विस्तृत विश्लेषण की जरूरत जताई ताकि यात्री राजस्व को बढ़ाया जा सके। पैनल ने यह कहा कि जनरल क्लास ट्रैवल सस्ता होना चाहिए। लेकिन ऑपरेटिंग कॉस्ट बढ़ाने और नुकसान कम करने के लिए एसी क्लास के किराए की समीक्षा करने पर जोर दिया।
56,993 करोड़ की सालाना छूट
इसके अलावा रिपोर्ट में भारतीय रेलवे से यात्री ट्रेनों के ऑपरेशनल खर्चों की समीक्षा करने को भी कहा गया और टिकटों को सस्ता बना रखने के लिए खर्चों को ऑप्टिमाइज़ करने को भी कहा गया। रेल मंत्रालय ने यह स्पष्ट कर दिया कि हर साल 56,993 करोड़ रुपये की छूट सालाना दी जा रही है और हर टिकट पर 46 फीसदी का डिस्काउंट यात्रियों को मिल रहा है।
कैटरिंग सर्विसेज में बदलाव की सिफारिश
पैनल ने इस बात पर भी जोर दिया कि कैटरिगं सर्विसेज जैसी कैटेगिरी को वित्तीय प्रदर्शन को बेहतर करने के लिए खत्म करने की भी सिफारिश की है। कमेटी ने खानपान से संबंधित सामाजिक सेवा दायित्वों के वित्तीय बोझ को कम करते हुए प्रतिस्पर्धी कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण भोजन की पेशकश करने का सुझाव दिया।
कम रहा है रेवेन्यू
समिति ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि भारतीय रेलवे का नेट रेवेन्यू वित्त वर्ष 23 और वित्त वर्ष 24 में कम रहा है। समिति के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय रेलवे का राजस्व 2,56,093 करोड़ रुपये था, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 6.6 प्रतिशत अधिक है। समिति ने यह भी कहा कि वित्त वर्ष 25 के लिए नेट रेवेन्यू का बजट अनुमानित 2800 करोड़ रुपये रखा गया है।
मंत्रालय के अनुसार राजस्व बढ़ाने के लिए कई उपाए किए गए हैं। जैसे गति शक्ति कार्गो टर्मिनल नीति, संशोधित इंजन ऑन लोड नीति, वैगन निवेश योजनाएं, गुड्स शेड रेटिंग डैशबोर्ड का शुभारंभ, वाणिज्यिक आय और गैर-किराया राजस्व अनुबंधों के लिए ई-नीलामी नीति और संयुक्त पार्सल उत्पाद-रैपिड कार्गो सेवा (जेपीपी-आरसीएस) आदि।
वहीं यात्रियों के लिए उपलब्ध सुविधाओं का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पैसेंजर रेवेन्यू बढ़ाने के लिए विशेष ट्रेनें चलाना, ऑनबोर्ड क्षमता में वृद्धि, प्रीमियम ट्रेनों में फ्लेक्सी-फेयर योजना की शुरुआत, कम व्यस्तता वाले वर्गों और खंडों में ग्रेडेड छूट, जहां भी आवश्यक हो आरक्षण कोटे की समय-समय पर समीक्षा, विकल्प के रूप में जानी जाने वाली वैकल्पिक ट्रेन आवास जैसी योजनाओं का विस्तार भी किया गया है।