हेल्थकेयर सेक्टर एक ऐसी फील्ड है जो दुनियाभर में सबसे ज़्यादा मांग में रहती है। अगर आप मेडिकल क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं, लेकिन किसी कारणवश एमबीबीएस, बीडीएस या अन्य मेडिकल कोर्स में एडमिशन नहीं ले पाए हैं, तो पैरामेडिकल कोर्स एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। इन कोर्सेस के माध्यम से आप हेल्थकेयर के विभिन्न क्षेत्रों में काम कर सकते हैं और अच्छा करियर बना सकते हैं।
पैरामेडिकल कोर्स मेडिकल साइंस का एक अहम हिस्सा है। इसके तहत डेंटल असिस्टेंट, फिजियोथेरपिस्ट, ऑक्यूपेशनल थेरपिस्ट, रेडियोलॉजी असिस्टेंट, नर्सिंग केयर असिस्टेंट जैसे कई क्षेत्रों में काम किया जा सकता है। हालांकि पैरामेडिकल स्टाफ की सैलरी डॉक्टर से कम होती है, लेकिन अनुभव के साथ यह सालाना 15 लाख रुपये तक कमाना भी संभव है।
पैरामेडिकल कोर्सेस के विभिन्न प्रकार होते हैं, जिन्हें आप अपनी योग्यता, बजट और करियर के लक्ष्यों के अनुसार चुन सकते हैं। इसमें पहला है डिग्री कोर्स, ये कोर्स 1.5 साल से 4 साल तक के होते हैं। इसके बाद आता है डिप्लोमा कोर्स, इनकी अवधि 1 से 2 साल होती है। आखिर में सर्टिफिकेट कोर्स, ये कोर्स 6 महीने से 2 साल तक हो सकते हैं।
पैरामेडिकल स्टाफ का काम: पैरामेडिकल स्टाफ का काम मरीज के इलाज में डॉक्टरों और अन्य मेडिकल टीम के सदस्यों के साथ सहयोग करना होता है। वे ऑपरेशन थिएटर, मेडिकल लैब, और अन्य चिकित्सा तकनीकी कार्यों में मदद करते हैं। इसके अलावा, वे मरीजों के सैंपल लेते हैं, उसे लेबल करते हैं और उसका विश्लेषण भी करते हैं।
यदि आपने 10वीं की पढ़ाई पूरी कर ली है और हेल्थकेयर क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं, तो आप जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी (GNM), डिप्लोमा इन रेडियोलॉजी, डिप्लोमा इन मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी और डिप्लोमा इन ऑपरेशन थिएटर टेक्नोलॉजी आदि डिप्लोमा कोर्सेस में से किसी में भी प्रवेश ले सकते हैं. इसी तरह अगर आपने 12वीं विज्ञान के साथ की है, तो आप बीएससी (Hons) नर्सिंग, बीएससी मेडिकल इमेजिंग टेक्नोलॉजी, बीएससी ऑपरेशन थिएटर टेक्नोलॉजी जैसे कोर्सेस में प्रवेश ले सकते हैं। पैरामेडिकल कोर्स में प्रवेश के लिए कुछ सामान्य मानदंड होते हैं। उम्मीदवारों को 50% अंक के साथ 12वीं पास होना चाहिए, और कुछ कोर्स के लिए NEET एंट्रेंस एग्जाम भी आवश्यक हो सकता है।
पैरामेडिकल स्टाफ की सैलरी: पैरामेडिकल कोर्स करने के बाद करियर की संभावनाएं बेहतर होती हैं और सैलरी भी अच्छी होती है। उदाहरण के तौर पर, रेडियोलाजिस्ट की सैलरी 7-8 लाख रुपये, फिजियोथेरपिस्ट की 12-13 लाख रुपये तक हो सकती है। इस प्रकार, पैरामेडिकल कोर्सेस न सिर्फ हेल्थकेयर सेक्टर में एक स्थिर करियर का मार्ग प्रदान करते हैं, बल्कि यह भी सुनिश्चित करते हैं कि आप समाज की सेवा कर रहे हैं