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भारत की अनोखी जनजाती, जहां शादी के पहले लड़की बन जाती है मां, जानें इसके पीछे की वजह

गरासिया जनजाति की लिव-इन रिलेशनशिप की परंपरा समाज की प्रचलित सोच के विपरीत एक प्रगतिशील दृष्टिकोण को दर्शाती है।

 भारत की अनोखी जनजाती, जहां शादी के पहले लड़की बन जाती है मां, जानें इसके पीछे की वजह
महिलाएं बिना शादी के बन जाती है मां!- फोटो : freepik

Garasiya tribe: भारत में बड़े शहरों में भले ही लिव-इन रिलेशनशिप धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हों, लेकिन छोटे शहरों और गांवों में इसे अभी भी विवादित और सामाजिक रूप से अस्वीकार्य माना जाता है। हालांकि, राजस्थान और गुजरात में रहने वाली गरासिया जनजाति में लिव-इन रिलेशनशिप की परंपरा न केवल सामान्य है, बल्कि यह उनकी संस्कृति और परंपराओं का एक अभिन्न हिस्सा है। इस जनजाति में पुरुष और महिलाएं बिना शादी के साथ रहते हैं, और महिलाओं को अपने पार्टनर चुनने की पूरी आज़ादी होती है, जिससे इसे एक प्रगतिशील जनजाति के रूप में देखा जाता है।


विवाह के लिए मेले का आयोजन: जहां मिलते हैं जीवनसाथी

गरासिया जनजाति में शादी के लिए एक दो दिवसीय मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले में युवक-युवतियाँ एकत्र होते हैं और यदि वे एक-दूसरे को पसंद करते हैं, तो साथ भाग जाते हैं और बिना शादी के साथ रहने लगते हैं। इस दौरान उन्हें संतान उत्पन्न करने की भी स्वतंत्रता होती है। बाद में, वे अपने गांव लौटकर पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ विवाह कर लेते हैं। यह मेला न केवल उनके लिए एक सामाजिक आयोजन है, बल्कि इसे एक प्रकार का “मिलन उत्सव” कहा जा सकता है, जहां वे अपने भावी जीवनसाथी का चुनाव करते हैं।


लिव-इन रिलेशनशिप का ऐतिहासिक महत्व

गरासिया जनजाति में लिव-इन रिलेशनशिप की परंपरा सदियों पुरानी है और इसका संबंध एक ऐतिहासिक कहानी से है। कहा जाता है कि इस जनजाति के चार भाइयों में से तीन ने भारतीय रीति-रिवाजों से शादी की थी, लेकिन चौथा भाई बिना शादी के एक लड़की के साथ रहने लगा। इस चौथे भाई के संतान हुई, जबकि बाकी तीनों भाइयों की कोई संतान नहीं थी। इसी घटना से प्रेरित होकर इस जनजाति में लिव-इन रिलेशनशिप को अपनाया गया, और तब से यह परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है।


महिलाओं को मिली अनोखी आज़ादी और अधिकार

गरासिया जनजाति की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहां की महिलाएं अपने पार्टनर चुनने के लिए स्वतंत्र हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, यदि कोई महिला अपने पहले पार्टनर से संतुष्ट नहीं होती, तो वह अगले मेले में किसी और को चुन सकती है। इस जनजाति में महिलाओं को यह आजादी दी गई है, जो आज भी आधुनिक समाज में बहुत कम महिलाओं को मिल पाती है। यह परंपरा उन्हें सामाजिक बंधनों से मुक्त करके उनके जीवन पर उनके अधिकार को स्थापित करती है, जिससे यह जनजाति वैश्विक स्तर पर भी प्रसिद्ध हो गई है।

 

आधुनिक समाज के लिए एक सीख

गरासिया जनजाति की यह परंपरा न केवल उनकी संस्कृति का हिस्सा है, बल्कि यह दर्शाती है कि समाज के नियम और मान्यताएं समय के साथ बदल सकती हैं। जहां आज के आधुनिक समाज में महिलाओं को अपने जीवनसाथी चुनने में कई बाधाओं का सामना करना पड़ता है, वहीं गरासिया जनजाति में यह स्वतंत्रता पीढ़ियों से चली आ रही है। गरासिया जनजाति की इस अनोखी परंपरा से आधुनिक समाज एक प्रेरणा ले सकता है कि स्वतंत्रता और सहमति आधारित संबंधों को स्वीकार करना संभव है।

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