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The Satanic Verses' Returns - 36 साल बाद भारत में फिर लौटी सलमान रुश्दी की वो विवादास्पद नोवेल ‘द सैटेनिक वर्सेज'

The Satanic Verses' Returns - भारत के बॉम्बे में जन्मे सलमान रुश्दी की विवादास्पद किताब 'द सैटेनिक वर्सेस' 36 साल बाद भारत में वापस आई है। पहले राजीव गांधी सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगाया था।

The Satanic Verses' Returns - 36 साल बाद भारत में फिर लौटी सलमान रुश्दी की वो विवादास्पद नोवेल ‘द सैटेनिक वर्सेज'
द सैटनिक वर्सेज को भारत में बिक्री पर प्रतिबंध हटा- फोटो : KULDEEP BHARDWAJ

N4N DESK - 2016 में अमेरिकी नागरिकता लेने वाले साथ ही अपनी ब्रिटिश नागरिकता भी बरकरार रखने वाले भारत के बॉम्बे(मुंबई) में 19 जून, 1947 को जन्मे ब्रिटिश-भारतीय नोवलिस्ट सलमान रुश्दी की सबसे ज्यादा सुर्खियों में रही और विवादास्पद नोवेल ‘द सैटेनिक वर्सेज’ (‘The Satanic Verses’) पूरे 36 साल बाद भारत में वापस लौट आई है। इस किताब पर साल 1988 में बैन लगा दिया गया था। इस बुक के पब्लिश होने के बाद पूरी दुनिया में मुस्लिम समुदाय ने इसका विरोध किया था।किताब पर कथित तौर पर पैगंबर मोहम्मद पर कुछ अंशों को "ईशनिंदा" बताया गया था। इस किताब के पब्लिश होने के बाद सलमान रुश्दी के खिलाफ समुदाय में आक्रोश था।हालांकि, दिल्ली हाई कोर्ट ने किताब पर से बैन हटा दिया है।  प्रतिबंध हटाए जाने के बाद यह किताब एक बार फिर भारत में बुकस्टैंड पर है।

क्यों लगा था प्रतिबंध?

भारत में साल 1988 में राजीव गांधी की सरकार ने इस किताब पर प्रतिबंध लगा दिया था।सरकार ने इस पुस्तक पर बैन यह कह कर लगा दिया था कि क्योंकि एक समुदाय ने इसे ‘ईशनिंदा’ पाया था. हालांकि, दिल्ली हाई कोर्ट ने सलमान रुश्दी की ‘द सैटेनिक वर्सेज’ पर प्रतिबंध हटा दिया है, यह देखते हुए बैन हटाया गया है कि सरकार 1988 की उस मूल अधिसूचना को प्रस्तुत करने में असमर्थ है जिसमें किताब पर बैन लगाया गया था।

किताब पर क्या विवाद था?

सलमान रुश्दी की यह किताब एक काल्पनिक दुनिया के दरवाजे खोलती है।‘द सैटेनिक वर्सेज’ सितंबर 1988 में प्रकाशित हुई थी, लेकिन पब्लिश होने के कुछ समय बाद ही ईशनिंदा को लेकर यह किताब वैश्विक विवाद में घिर गई, जिसमें कथित तौर पर पैगंबर मोहम्मद पर कुछ अंशों को “ईशनिंदा” बताया गया था। इस किताब के सामने आने के बाद मुस्लिम समुदाय में आक्रोश था और इसी के चलते राजीव गांधी की सरकार ने इस किताब के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था।

प्रतिबंध के अलावा इस किताब के सामने आने के बाद विवाद इस स्तर तक बढ़ गया था कि ईरान के तत्कालीन सर्वोच्च नेता अयातुल्ला रूहुल्लाह खुमैनी ने सलमान रुश्दी के खिलाफ फतवा जारी किया था, जिसमें मुसलमानों से उनकी हत्या करने का आह्वान किया गया था। अगस्त 2022 में, सलमान रुशदी की किताब के खिलाफ लोगों में इतना आक्रोश बढ़ गया था कि न्यूयॉर्क में एक व्याख्यान के दौरान मंच पर उन पर चाकू से हमला किया गया था, जिससे उनकी एक आंख की रोशनी चली गई थी।

REPORT - KULDEEP BHARDWAJ

 

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