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24 घंटे में 10 मर्डर से दहला बिहार, सुशासन पर उठने लगे सवाल

24 घंटे में 10 मर्डर से दहला बिहार, सुशासन पर उठने लगे सवाल

पटना : बिहार में लॉकडाउन के बीच वारदात का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. लॉकडाउन के दौरान भी अपराधियों के मंसूबे दिन व  दिन बढ़ते ही जा रहे हैं.लगातार विपक्ष के द्वारा भी सराकर को अपराध के मुद्दे पर घेरने की कोशिश जारी है.हत्या ,लूट,डकैति और बलात्कार जैसे वारदात थमने का नाम नहीं ले रहा है.अपराधिओं का जोश हाई है .किसी भी वारदात को दिनदहाड़े अंजाम देने से भी नहीं चुकते. लगातर घट रही ग्नाएं यह प्रमाणित करने के लिय पर्याप्त हैं की अपराधिओं  का मनोबल काफी बढ़ चूका है.इसी का परिणाम हा की प्रदेश में विधि व्यवस्था को धत्ता बताते हुए अपराधिओं ने दस लोगों की जान ले ली है . 

24 घंटे में 10 मर्डर से  दहला प्रदेश 
24 घंटे में 10 मर्डर के बाद बिहार में एक बार फिर से कानून राज सवालों के घेरे में है. लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में वारदात पर लगाम लगते दिख रहा था लेकिन अब अपराधी बेखौफ अपराधी घटना को अंजाम दे रहे हैं.  बिहार की राजधानी पटना से लेकर दूसरे जिलों मसलन  कैमूर, बेगूसराय, मधेपुरा, लखीसराय समेत कई जिलों में कानून व्यवस्था ध्वस्त दिख रही है. पिछले 24 घंटे में बिहार के विभिन्‍न इलाकों में हत्‍या की 10 घटनाएं हुई हैं.खराब विधि व्यवस्था को लेकर विपक्ष भी उबाल खा रहा है.

 गोपालगंज में हुए तिहरे हत्याकांड में आय था सत्ता पक्ष के विधायक का नाम  

एक तरफ जहाँ प्रदेश कोरोना संकट के भीषण दौर से गुजर रहा है वहीं दूसरी तरफ अपराधिओं ने भी लगातर जघन्य  वारदातों को अंजाम देकर पुलिसिया सिस्टम को चुनौती देने का काम किया है. हाल ही में गोपालगंज में हुए तिहरे हत्याकांड में सत्ता पक्ष के विधायक पप्पू पांडे का नाम आने के बाद से बवाल मचा हुआ है. सवाल यह है की जब सत्ता पक्ष के विधायक ही विधि व्यस्था का ख्याल नही रख पायेंगे तो भला प्रदेश का क्या होगा. ऐसे घटना क्रम विपक्ष को बैठे बिठाए हाथ में मुद्दा थमा दे रहा है .

  सरकार प्रदेश में सुशासन होने का दावा करती है वहीं दूसरी तरफ अपराध के बढ़ते ग्राफ पर अंकुश लगाने में भी विफल हो जाती है.सरकार सुशासन के लाख दावे करे लेकिन   24 घंटे के भीतर 10 मर्डर से पूरा  सूबा दहला उठा है. लगातार बढ़ रहे  क्राइम के ग्राफ से सुशासन के दावों पर सवाल उठने लगा है. 

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