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NEWS4NATION EXCLUSIVE :100 करोड़ का बैंक घोटाले में बिहार के बड़े मंत्री और उनके परिवार का नाम आया सामने, गुस्साए लोगों ने उनके फैक्ट्री में जड़ दिया ताला

NEWS4NATION EXCLUSIVE :100 करोड़ का बैंक घोटाले में बिहार के बड़े मंत्री और उनके परिवार का नाम आया सामने, गुस्साए लोगों ने उनके फैक्ट्री में जड़ दिया ताला

HAJIPUR : बिहार में बड़ा कोऑपरेटिव घोटाला सामने आया है, जिसमें बिहार के मंत्री आलोक मेहता और उनके परिवार पर लगभग 100 करोड़ रुपए के घोटाले के आरोप लगा है। फिलहाल बैंक में घोटाले का मामला सामने आने के बाद रिजर्व बैंक ने बैंक के सभी लेनदेन पर रोक लगाते हुए बैंक को बंद कर दिया है। वहीं बैंक से जुड़े लगभग चार हजार खाताधारकों का पैसा भी अब डूबने की स्थिति में पहुंच गया है। अपनी जमापूंजी को गवाने वाले लोग अब बवाल पर उतारू दिख रहे है और सैकड़ो खाताधारकों ने मंत्री जी की कंपनी पहुँच बवाल शुरू कर दिया और मंत्री जी की कंपनी पर ताला जड़ दिया है  

मामले में बताया गया कि 35 साल से चल रही वैशाली शहरी विकास कोऑपरेटिव बैंक के खिलाफ इसी साल जून में पांच करोड़ के घोटाले की बात सामने आई थी। जिसके बाद आरबीआई ने बैंक पर ताला लगाने का आदेश जारी किया था। धीरे-धीरे जब जांच शुरू की गई तो घोटाले की यह राशि 100 करोड़ तक पहुंच गई है। 

इस पूरे घोटाले के पीछे बिहार सरकार में शामिल मंत्री और लालू परिवार के बेहद करीबी एक RJD नेता परिवार की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही घोटाले का छींटा बिहार सरकार में भू स्वामित्य मंत्री आलोक मेहता पर जा रहा है।

आरोप लगाया जा रहा है कि घोटाले के छीटों से बचने के लिए मंत्री जी ने कुछ समय पहले खुद को बैंक के प्रबंधन और इन कंपनियों से से खुद को अलग कर लिया था। लेकिन बैंक और इन कंपनियों को आज भी मंत्री जी के रिश्तेदारों द्वारा चलाया जाना और घोटाले के सामने आने के बाद मंत्री आलोक मेहता पर सवाल उठने लगा है। 

मंत्री परिवार के इस बैंक के फर्जीवाड़े के शिकार लोग अब हंगामा कर रहे है। जिंदगी भर की जमापूंजी गवाने वाले खाताधारकों ने जब वर्तमान चेयरमैन और मंत्री जी के भतीजे संजीव को घेरा तो मंत्री जी के भतीजे ने इस पूरे घोटाले का काला चिट्ठा खोल दिया और इस पुरे घोटाले के पीछे मंत्री जी का हाथ बता दिया 

चाचा पर लगा दिया पूरा आरोप

 वर्तमान में बैंक के चेयरमैन और आलोक मेहता के भतीजे संजीव मेहता की मानें तो ये जो बैंक में इतना बड़ा राशि का फर्जीवाड़ा है , वो विगत 10 - 20 साल से चल रहा है।  पहले मंत्री अलोक मेहता और उनके पिता चेयरमैन बने। आलोक मेहता करीब 20 साल तक इस बैंक के चेयरमैन रहे है।  मंत्री जी हमेशा कहते थे की हम कर रहे है व्यवस्था ( घोटाले वाले रकम का )

कोल्ड स्टोरेज के नाम पर दिया 60 करोड़ का लोन

खुलासा हुआ की लिच्छवि कोल्ड स्टोरेज Pvt Ltd और महुआ कोऑपरेटिव कोल्ड स्टोरेज नाम की 2 कंपनियों ने बैंक के करीब 60 करोड़ का गबन किया है। इन दो कंपनियों ने अपनी गारण्टी पर करोड़ का लोन निकासी किया था। फर्जी कागजातों के सहारे किसानो के नाम पर दी गई। करोड़ों के इस लोन में बैंक ने भी नियम कायदो को ताक पर रख लोन जारी किया था।

खुलासा ये भी हुआ की इस कोऑपरेटिव बैंकप्रबंधन ने फर्जी LIC बांड और फर्जी पहचानपत्र वाले लोगों के नाम 30 करोड़ से ज्यादा रकम की निकासी कर ली है।

आलोक मेहता के पिता ने शुरू किया था बैंक

अपने बड़े राजनितिक रसूख के दम पर मंत्री आलोक मेहता के पिता तुलसीदास मेहता ने करीब 35 साल पहले हाजीपुर में वैशाली शहरी कोऑपरेटिव बैंक की शुरुआत की थी। राजनितिक रसूख के दम पर बैक चल निकला और साल 1996 में इस बैंक को RBI का लाइसेंस भी मिल गया। पिता की राजनितिक रसूख के दम पर आलोक मेहता ( 1995 से ही ) बैंक के चेयरमैन बने और लगातार 2012 तक बैंक के प्रबंधन की कमान संभाले रखा। इस बीच 2004 में उजियारपुर से लोकसभा का चुनाव जीत सांसद भी बने , लेकिन आलोक मेहता लगातार बैंक प्रबंधन की कमान संभाले रहे। 

2012 में अचानक आलोक मेहता ने अचानक बैंक प्रबंधन का शीर्ष कमान अपने मंत्री पिता तुलसीदास मेहता को सौंप दिया और बैंक से खुद को अलग कर लिया। 

बचने के लिए पहले पिता और भतीजे को बनाया चेयरमैन

इस दौरान यह बात भी सामने आई है कि 2015 में भी इस तरह की गड़बड़ी हुई थी। जिसमें RBI ने बैंक के वित्तीय कारोबार को बंद करा दिया था। गड़बड़ियों के आरोप में आलोक मेहता के पिता तुलसीदास मेहता पर कारवाही की थी। लेकिन तब भी मामले को सुलझाने के बाद आलोक मेहता के भतीजे संजीव को बैंक की कमान सौप दी गई और संजीव लगातार इस बैंक के चेयरमैन बने रहे। ये आरोप लगाया जा रहा है 2012 में भी घोटाले से बचने के लिए अलोक मेहता ने आनन् फानन में बैंक की कमान अपने मंत्री पिता को सौप खुद को बचा लिया था और RBI के गाज उनके पिता तुलसीदास मेहता पर गिरी थी।  

क्या कहते है बैंक से जुड़े लोग

60 करोड़ का फर्जी लोन

60 करोड़ का दिया फर्जी लोन हम तो इस बैंक से शुरू से जुड़े रहे है। बैंक और बैंक से लोन ( फर्जी ) लेने वाले सभी लोग मंत्री जी के परिवार के इर्द गिर्द के लोग है , बैंक से फर्जी ढंग से 60 करोड़ की फर्जी लोन दिया गया है  जब तक पैसा वापस नहीं होगा तब तक इस कोल्ड स्टोर पर ताला लगा रहेगा  - अनिल चद्र कुशवाहा -- बैंक के फाउंडर मेंबर

तुलसीदास जी के नाम पर किया था भरोसा

आलोक मेहता के पिता जी तुलसीदास जी शुरू से हमलोगो के क्षेत्र से चुनाव लड़ते थे , वो पिता तुल्य थे  , उनके भरोसे हमलोगो ने बैंक में पैसा डालना शुरू किया था। अब हमलोगो का पैसा नहीं मिल रहा है , लगभग 100 करोड़ रुपया गबन हो गया है। आलोक मेहता जी अब भाग रहे है हमलोगो से इस पूरे घोटाले को लेकर अब RBI ने जांच और कारवाही शुरू कर दी है और बैंक के करीब 24 हजार खाताधारकों को अपना पैसा डूबता नजर आ रहा है  - धनराज राय -- बवाल करने वाले खाताधारक

10 लाख बैंक में किया निवेश

मेहता जी का यह बैंक था  , मंत्री जी के भरोसे पर रिटायरमेंट के बाद का पूरा पैसा , 10 लाख रुपया    ... इनके बैंक में रखा था , सोंचा था हर महीने एक रकम मिल जाएगा , मेरा घर समस्तीपुर है।  आलोक मेहता के परिवार से जुड़े लोगो ने पूरा घोटाला किया है - अशोक कुमार शर्मा -- रिटायर्ड शिक्षक

तोड़ दिया भरोसा

आलोक मेहता और उनके पूरा परिवार पहले साफ़ सुथरा था , उनके भरोसे की वजह से हमने अपना पैसा रखा था - कैलाश राय - रिटायर्ड प्रिंसिपल

घर में लगाएंगे ताला

मंत्री जी और उनके रिस्तेदारो ने पूरे बैंक का घोटाला कर दिया , हमलोगो ने उनके इस फैक्टरी पर ताला मरा है आज , हमलोग उनके घर पर भी ताला मारेंगे। मुकेश कुमार -- बवाल करने वाले खाताधारक

दो एफआईआर दर्ज

बैंक एक बार फिर से घोटाले के आरोपों से घिरा है और इस बार 100 कड़ोर का घोटाला सामने दिख रहा है   घोटाले के सम्बन्ध में 2 अलग अलग FIR दर्ज कराई गई जिसमे बैंक के अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है।  बैंक का CEO बिपीन बिहारी ने ( मंत्री जी से जुड़े इस बैंक में इतना बड़ा घोटाला कैसे हुआ ) हम क्या कर सकते है, हो जाता है गड़बड़ी। वहीं RBI प्रशासक अरविंद कुमार शाही  ने इस घोटाले को लेकर कहा कि जांच के लिए Forensic टीम को बुलाई गई है। 

लेकिन बड़ा सवाल ये है की मंत्री परिवार के इर्द गिर्द हुआ ये बड़ा घोटाला सिर्फ अधिकारियों ने किया। क्या मंत्री परिवार का बैंक से लेकर फर्जी लोन लेकर फरार होने वाले मंत्री परिवार के कर्मचारी रिश्तेदार और पूरे घोटाले के इर्द गिर्द मौजूद मंत्री परिवार के किरदार को होने से मंत्री आलोक मेहता पाक साफ़ बच पाएंगे।   


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