बिहार में NH की पांच सड़कों पर 114 हॉट स्पॉट, सभी पुलिस जिलों में बनेंगे ट्रैफिक थाना

PATNA: बिहार के सभी पुलिस जिलों में यातायात थाना होगा. वर्तमान में पटना समेत 12 जिलों में 15 यातायात थाना कार्यरत्त हैं। बाकी के 28 पुलिस जिलों में थाना के लिए भवन निर्माण का कार्य कराया जाना है. थाना सृजन को लेकर सरकार के स्तर पर कार्रवाई की जा रही है. बिहार में एन.एच की पांच सड़कों पर कुल सड़क दुर्घटना की पचास फीसदी घटनायें होती हैं। राष्ट्रीय राजमार्ज की बिहार से गुजरने वाली 1400 किमी में कुल 114 हॉट स्पॉट चिन्हित किये गये हैं. 

पटना में लावारिश गाड़ियों को रखने के लिए 20 एकड़ भूमि

यातायात थाना की भूमि की उपलब्धता के लिए पुलिस महानिरीक्षक यातायात को प्रस्ताव तैयार करने का जिम्मा दिया गया है.गृह -परिवहन विभाग के अधिकारियों के बीच 25-26 जुलाई को हुई बैठक में सड़क जाम की समस्या एवं सड़क सुरक्षा को लेकर चर्चा की गई. गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में परिवहन आयुक्त, पथ निर्माण विभाग के चीफ इंजीनियर समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे। बैठक में यातायात थाना निर्माण को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। जिलों के डीएम एवं पुलिस अधीक्षक को भूमि उपलब्ध कराने में मदद करने को कहा गया है।पटना जिला में जब्त लावारिस वाहनों के रखरखाव के लिए 20 एकड़ भूमि चिन्हित की गई है. पुलिस महा निरीक्षक ट्रैफिक को प्रस्ताव तैयार करना है कि उस भूमि का सर्वाधिक उपयोग कैसे हो. पटना सिविल कोर्ट में पार्किंग की समस्या उत्पन्न हो रही है. ऐसे में पटना नगर निगम से कहा गया है कि वह पटना व्यवहार न्यायालय के समीप गंगा नदी के किनारे उपलब्ध भूमि पर पार्किंग की व्यवस्थाको लेकर योजना तैयार करे.

100 KM एनएच पर 114 हॉट स्पॉट

 सड़क सुरक्षा की मीटिंग में यह बात सामने आई है कि बिहार में जितनी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं उनमें पचास फीसदी घटनाएं बिहार से गुजरने वाली पांच राष्ट्रीय राजमार्गों पर  होती है। ये राजमार्ग हैं- एनएच-2,28,30,31 और 57. इन सड़कों की बिहार में कुल लंबाई 1400 किमी है। इनमें 114 हॉट स्पॉट चिन्हित किए गए हैं.यानी 1400 जगहों पर सर्वाधिक सड़क दुर्घटनायें होती हैं। 25-26 जुलाई को आयोजित सड़क सुरक्षा की बैठक में राष्ट्रीय राजमार्गों पर वाहन की गति नियंत्रित करने एवं सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से कई निर्णय लिए गए हैं. जिसे अमलीजामा पहनाने का जिम्मा ट्रैफिक पुलिस,पथ निर्माण और परिवहन विभाग को दिया गया है.