PATNA: जहानाबाद के जेडीयू सांसद चंदेश्वर प्रसाद चन्द्रवंशी के बेटे-बहू की कंपनी ने सुशासन की फजीहत करा दी थी. जेडीयू सांसद के बेटे की कंपनी को 1600 करोड़ का एंबुलेंस टेंडर नियम के खिलाफ जाकर देने का मुद्दा भाजपा ने जोर शोर से उठाया था. इस मामले में सीएम नीतीश को कटघरे में खड़ा किया गया था. खुलासा हुआ तो बिहार विधानसभा में भी जमकर हंगामा हुआ, तब के नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा और सम्राट चौधरी ने सदन में जमकर सवाल दागे थे. विधानसभा में इस मुद्दे पर हंगामा हुआ था. पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी से लेकर रविशंकर प्रसाद तक ने जेडीयू सांसद के बेटे की कंपनी को टेंडर देने के मामले में जेडीयू नेता व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जमकर खिंचाई की थी. फिर भी सरकार के स्तर से कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। इसके बाद मामला हाईकोर्ट पहुंचा और कोर्ट ने नवंबर 2023 में नियम विरूद्ध पाते हुए 1600 करोड़ के एंबुलेंस टेंडर को रद्द कर दिय़ा। लेकिन सरकार कहां मानने वाली थी. जेडीयू सांसद के बेटे की कंपनी पशुपतिनाथ डिस्ट्रीब्यूटर्स को दिए टेंडर रद्द करने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया. हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. यह तो हुई कानूनी दांव-पेच. लेकिन बात हो रही है राजनीतिक की. भाजपा ने जिस एंबुलेंस घोटाले का खुलासा कर नीतीश कुमार को कटघरे में खड़ा किया था, वही भाजपा अब जेडीयू सांसद चंदेश्वर चंद्रवंशी का प्रचार करते दिखेगी. क्यों कि जेडीयू एक बार फिर से चंदेश्वर चंद्रवंशी को जहानाबाद लोस क्षेत्र से टिकट देने की तैयारी कर चुकी है, सिर्फ आधिकारिक ऐलान होना बाकि है. चंदेश्वर चंद्रवंशी के चुनावी मैदान में उतरने के बाद भाजपा नेता उनके पक्ष में चुनाव प्रचार करते दिखेंगे.
पटना में 2023 में तब की विपक्षी पार्टी बीजेपी लगातार राज्य सरकार पर एंबुलेंस कांड के मामले में निशाना साध रही थी. पूरे मामले में सरकार भी बगले झांकते दिख रही थी. रही है. दरअसल पिछले साल ही, 1600 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था. यह कॉन्ट्रैक्ट डायल 102 के तहत 2125 एंबुलेंस चलाने के लिए दिए गए थे. यह कॉन्ट्रैक्ट पटना के पशुपतिनाथ डिस्ट्रीब्यूटर्स प्राइवेट लिमिटेड (PDPL) कंपनी को दी गई थी. यह कंपनी जहानाबाद से जेडीयू सांसद चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी के बेटे सुनील कुमार की है. बताया जाता है कि इससे पहले कंपनी की ऑडिट रिपोर्ट में कई गड़बड़ियां सामने आई थीं. इसके बावजूद भी यह कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू किया गया है. कॉन्टैक्ट रिन्यू करने में पटना हाई कोर्ट की टिप्पणी को भी नजरअंदाज किया गया था. मामला सामने आने के बाद खूब बवाल हुआ था. भाजपा ने नीतीश कुमार पर भ्रष्टाचार से समझौता करने के आरोप लगाए थे. कहा था कि अपने एक नेता के बेटे की कंपनी को टेंडर दिलाने के लिए भ्रष्टाचार से समझौता किया गया . पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा था कि जदयू सांसद चंदेश्वर चंद्रवंशी के बेटे की कंपनी पशुपतिनाथ डिस्ट्रीब्यूटर्स को सारे नियमों को ताक पर रखकर 1600 करोड़ का एंबुलेंस टेंडर अंतर्गत 2,125 एंबुलेंस 5 वर्ष के लिए चलाने का काम दिया गया था. हाईकोर्ट से सरकार को झटका मिलने के बाद सुशील मोदी ने ट्वीट कर बड़े आरोप लगाए थे. साथ ही कहा था कि आदेश को तत्काल रद्द कर जिम्मेवार अधिकारियों पर कार्रवाई करनी चाहिए।
नीतीश के सांसद के बेटे-बहू की कंपनी को मिला था टेंडर
बता दें, बिहार में इमरजेंसी सेवा के तहत चलने वाली 2125 एंबुलेंस को चलाने का ठेका जिस कंपनी को दिया गया था, वह कंपनी जेडीयू सांसद के बेटे का है. इस कंपनी में उनके बेटे के साथ दूसरे रिश्तेदार भी निदेशक हैं . बिहार सरकार ने एंबुलेंस का ये ठेका पशुपतिनाथ डिस्ट्रीब्यूटर्स प्राइवेट लिमिडेट को दिया. इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमार लोगों को अस्पताल पहुंचाया जाता है. बदले में उनसे कोई राशि नहीं ली जाती है. इस योजना के तहत 2125 एंबुलेंस के संचालन का ठेका पशुपतिनाथ डिस्ट्रीब्यूटर्स प्राइवेट लिमिडेट को दिया गया था. आरोप है कि इस कंपनी में जेडीयू सांसद चंदेश्वर प्रसाद चन्द्रवंशी के बेटे-बहू और बहनोई निदेशक के पद पर हैं. इस कंपनी में ज्यादातर निदेशक सांसद के रिश्तेदार हैं.
नीतीश कुमार अब भ्रष्टाचार को संरक्षित कर रहे
तब पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा था कि भ्रष्टाचार को नीतीश कुमार का खुला संरक्षण प्राप्त है, इसलिए सरकारी ठेके नियम-शर्तें तोड़ कर जद-यू-राजद के सांसद-विधायक के परिजनों की कंपनी को मिल रहे हैं। ऑडिट और हाईकोर्ट की गंभीर टिप्पणी के बाद भी ऐसे ठीके रद नहीं किये जा रहे. सुशील मोदी ने आगे कहा था कि जहानाबाद से जदयू सांसद चंद्रेश्वर के परिजनों ( बेटे-बहू) की कंपनी पशुपति डिस्ट्रीब्यूटर्स प्राइवेट लिमिटेड (पीडीपीएल) को स्वास्थ्य विभाग से मिला 1600 करोड़ का ठेका 10 नवम्बर 2023 को हाईकोर्ट को रद करना पड़ा। उन्होंने कहा कि पीडीपीएल का ठेका रद करने का आदेश जारी करते हुए पटना हाईकोर्ट की खंडपीठ ने सरकार के निर्णय को मनमाना, अतार्किक, नियम-विरुद्ध और संविधान के अनच्छेद 14 के विरुद्ध बताया। पूर्व डिप्टी सीएम मोदी ने कहा था कि इस ठेके का मामला सामने आने पर हाईकोर्ट ने पहले भी आपत्ति की थी, लेकिन सरकार ने इसे रद नहीं किया था। उन्होंने कहा कि गंभीर रूप से बीमार रोगियों और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुँचाने की निशुल्क एम्बुलेंस सेवा (डायल 102) संचालित करने और 2125 एम्बुलेंस खरीदने के लिए सांसद-परिजन की कंपनी पीडीपीएल को ठेका देने के लिए बिहार राज्य स्वास्थ्य सेवा समिति ने नियमों को शिथिल और निविदा की शर्तों का उल्लंघन करने में कोई संकोच नहीं किया। मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार और अपराध से मुख्यमंत्री ने समझौता कर लिया है इसलिए बिहार में सरकारी ठेके से लेकर बालू-शराब के धंधे तक माफियागिरी हावी है।