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JANMASHATAMI SPECIAL : जन्माष्टमी में भगवान कृष्ण को लगाया जाता है 56 भोग, जानिए वजह

JANMASHATAMI SPECIAL : जन्माष्टमी में भगवान कृष्ण को लगाया जाता है 56 भोग, जानिए वजह

N4N DESK : जन्माष्टमी का पर्व भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. यह पर्व हर वर्ष रक्षाबंधन के पर्व के ठीक आठ दिन बाद भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है .साल 2021 कृष्णा जन्माष्टमी का पर्व 30 अगस्त यानि आज है. आज श्रीकृष्ण के पूजन का शुभ मुहूर्त रात 11 बजकर 59 मिनट से रात 12 बजकर 44 मिनट तक है. दिन भर भक्त व्रत रखते है और इस मुहर्त पर भक्त भगवान कृष्ण के बाल गोपाल रूप की पूजा एवं आरती करते है. आज भगवान कृष्ण की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है. कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भक्त तरह तरह के भोग बनाते है. मध्य रात्रि में जन्म होने के कारण मध्य रात्रि को भगवान को नई पोशाक पहनाई जाती है और उन्हें 56 तरह के भोग लगाये जाते है. 

आपको बताते चले की 56 भोग की परंपरा तभी से शुरू हुई जब श्रीकृष्ण अपनी माता यशोदा और पिता नंदलाल के साथ गोकुल में रहते थे. एक बार भगवान कृष्ण ने नंदलाल से पूछा की देवों के राजा इंद्र की पूजन की इतनी बड़ी तैयारी क्यों हो रही है. नंदलाल ने कहा की देवराज इंद्र की पूजा का आयोजन इसलिए किया जाता है  ताकि वो खुश हो जाये और अच्छी बारिश करेंगे. श्रीकृष्ण ने नंदलाल से कहा की हमें पूजा गोवर्धन पर्वत की करनी चाहिए. जिससे हमें फल, सब्जी, पशुओं के लिए चारा भी प्राप्त होता है. जबकि इंद्र का काम तो सिर्फ बारिश कराना ही है. सभी ने कृष्ण की बात मान के इंद्र की पूजा के जगह गोबर्धन पर्वत की पूजा शुरु कर दी, जिससे इंद्र क्रोधित हो गए और भयंकर बारिश शुरु कर दी. तब सभी गोकुलवासियों से श्रीकृष्ण ने कहा की अब उन्हें सिर्फ गोवर्धन पर्वत ही बचा सकते है. श्रीकृष्ण ने पर्वत को अपनी कनिष्टा उंगली से पूरे 7 दिन तक बिना कुछ खाए पीये उठाकर रखा और सबकी रक्षा की. आठवे दिन बारिश के रुकने के बाद माता यशोदा और सारे ब्रजवासियो ने अपने कान्हा के लिए हर दिन के आठ पहर के हिसाब से 7 दिन को मिला कर कुल 56 प्रकार के भिभिन व्यंजन बनाये थे. जो श्री कृष्ण को पसंद थे. भक्त  56 भोग में खीर, रबरी, काजू, बादाम, इलायची, मोहनभोग, मूंगदाल का हलवा, माखन, मिश्री, पिस्ता, लड्डू , रसगुल्ला, मठरी, जलेबी, टिक्की, घेवर, लौकी की सब्जी, बैगन की सब्जी, पूरी, मुरब्बा, साग, पकौड़ा, खिचड़ी , दही , चावल, पापड़ आदि भी चढाते है.आज जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर कान्हा की नगरी मथुरा से लेकर वाराणसी,प्रयागराज, बिहार और देशभर में जन्माष्टमी का पर्व काफ़ी धूम-धाम से मनाया जा रहा है.

बताते चलें की भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मध्य रात्रि को मथुरा में हुआ था. लेकिन जन्म के बाद उनके पिता उन्हें तुरंत गोकुल लेकर चले गए. जहाँ उनका जन्मोत्सव काफी धूमधाम से मनाया जाता है. श्रीकृष्ण को भगवान विष्णु का 8 वां अवतार माना जाता है.

निकिता की रिपोर्ट

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