68 वीं BPSC मैन्स परीक्षा हुई संपन्न, चाणक्य आईएएस एकेडमी के रीजनल हेड ने समझाया प्रश्नपत्र, कहा- पैटर्न में बदलाव अपेक्षाकृत है

PATNA: 68वीं बीपीएससी मैन्स की परीक्षा 18 मई को पटना के विभिन्न सेन्टरों में संपन्न हुई। चाणक्य आईएएस एकेडमी के रीजनल हेड डॉ. कृष्णा सिंह ने बताया कि परीक्षा पैटर्न में बदलाव अपेक्षाकृत है। जीएस पेपर 1 पहले सेक्शन में पांच प्रश्न पूछे गए हैं। जिन्हें हल करना अनिवार्य था। जिससे अभ्यर्थियों को कुछ प्रश्नों में थोड़ी परेशानी हुई है क्यूंकि बीपीएससी के पिछले पैटर्न से ये प्रश्न अलग थे। जो दूसरा प्रश्न था उसमें थोड़ा बदलाव करते हुए प्रश्न पूछ गया। हालांकि तीसरे प्रश्न में मंदिरों के विकास से प्रश्न पूछा गया। जो बीपीएससी में अमूमन नहीं पूछा जाता है और रविंद्रनाथ टैगोर के सामाजिक और सांस्कृतिक विचार से प्रश्न थे जो कि आसान नहीं कहे जा सकते हैं।

अगर हम सेक्शन 2 की बात करें तो यह सेक्शन 1 के मुकाबले में ज्यादा तार्किक था जिसमें दो प्रश्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पहलू से जुड़े हुए थे और तीन प्रश्न बिहार से सम्बंधित थे। अगर हम पांचवे प्रश्न की बात करें तो करेंट अफेयर आधारित थे। जो कि विश्लेषण आधारित प्रश्न थे इनमें विद्यार्थियों को तार्किक उत्तर देने की जरुरत थी। अगर हम छठे प्रश्न की बात करें तो वह भी करंट अफेयर आधारित थे। जो कि पिछले दिनों काफी चर्चा में रह चुकें हैं। जैसे जी20 से आधारित प्रश्न, सीरिया और तुर्की के आपदा से सम्बंधित थे। जो उन विद्यार्थियों के लिए आसान रहे होंगे। व्यापक तरीके से डेली करंट अफेयर्स से अवगत रहे होंगे। इस बार के पेपर में यह देखा गया है कि पिछली बार की तरह ही बिहार सम्बंधित प्रश्न इस बार भी पूछे गए थे इसलिए विद्यार्थियों को बिहार सम्बंधित प्रश्न पर ध्यान देने की जरुरत है। तीसरे सेक्शन में बीपीएससी अपनी पिछली परिपार्टी पर बना हुआ था। जिसमें पाई चार्ट और बार ग्राफ आदि से प्रश्न थे। जो ज्यादा गणनात्मक थे। लगभग आसान कहे जा सकते हैं।

वहीं GS2 के प्रश्न पत्र में काफी बदलाव दिखा है तीनों सेक्शन के पहले प्रश्न में पांच प्रश्न पूछे गए हैं। जिन्हें हल करना अनिवार्य था। जिससे अभ्यर्थियों को समय प्रबंधन में थोड़ी परेशानी हुई है क्यूंकि प्रश्नों की संख्या ज्यादा थी। इसलिए उनमें विविधता बढ़ गई जिसके चलते परीक्षार्थियों को थोड़ी समस्या हुई। पहला सेक्शन जो एक दो प्रश्नों को छोड़कर अपेक्षाकृत था, दूसरे सेक्शन में जो प्रश्न थे उनमें काफी विविध थी और सभी टॉपिक से प्रश्न पूछे गए थे। बिहार सम्बंधित प्रश्नों की अधिकता इस बार भी रही, तीसरे सेक्शन की बात करें तो इसमें एप्लीकेशन बेस्ड प्रश्न ज्यादा पूछे गए हैं जिसमें गहन अध्ययन की आवश्यकता थी। GS2 के प्रश्नों को देखते हुए विद्यार्थियों को करंट अफेयर्स आधारित प्रश्नों को अधिक प्रैक्टिस करने की जरुरत है तथा उन टॉपिक्स के आगे आने वाले समय में क्या उपयोग हो सकते हैं। उसे विचार करते हुए उत्तर लिखने की प्रैक्टिस करना चाहिए। सीधे तौर पर कहें तो प्रश्नों की समझ होना जरुरी है ।

चाणक्य आईएएस एकेडमी के रीजनल हेड डॉ. कृष्णा सिंह ने बताया कि निबंध का पेपर काफी डायनामिक था। यह पेपर तीन सेक्शन में विभक्त था। जैसा की BPSC ने पहले भी कहा था पहले सेक्शन में जो निबन्ध के टॉपिक्स पूछे गए हैं जो कि philosophical थे। कथन देखने में तो आसान लग रहे थे पर उनमे काफी गहराई थी। टॉपिक्स ऐसे थे जिसको लिखने पर परीक्षार्थी का व्यक्तिव झलकता, कि आखिर उनका मानसिक सोच कैसा है। दूसरे सेक्शन में जो टॉपिक्स थे वो शिक्षा और कोविड, जीवन की विभिन्न अवधारणा और 'प्रोद्योगिकी (इन्टरनेट) से संबंधित थे। इसमें G.S का knowledge और आपके विचारों के सम्मेलन पर आधारित निबंध थे। वहीं तीसरा सेक्शन पूर्णतः बिहार में प्रचलित मुहावरे लोकोक्तियाँ आधारित निबंध थे जो विधार्थी इनका सार्थक अर्थ समझते होंगे उनके लिए ये लिखना थोड़ा आसान रहा होगा। इन सभी मुहावरों, लोकोक्तियों का अनुमान विद्यार्थी अगर हिन्दी न्यूज़ पेपर को पूरी एकाग्रता और गहनता से पढ़ें तो लगाया जा सकता है। अगर पूर्णरूप से कहें तो पहला सेक्शन थोड़ा ज्यादा कठिन था वहीं दूसरा सेक्शन निम्न स्तरीय रहा और तीसरा पुर्णतः बिहार के परिदृश्य में पूछा गया। परीक्षार्थियों को दूसरे और तीसरे सेक्शन के मुकाबले पहले सेक्शन में थोड़ी अधिक कठिनाई हुई होगी।

अब परीक्षार्थियों को philosophy आधारित निबंध तथा भविष्य की ओर अग्रसर टॉपिक्स पर अधिक आंसर राईटिंग प्रैक्टिस करने की जरुरत है। अगर पूर्णरूपेण GS1, GS2 और Essay के पेपर को देखा जाये तो बीपीएससी के प्रश्नों की प्रकृति में यूपीएससी के प्रश्नों की झलक दिखाई दे रही है। सीधे तौर पर कहा जाए तो बीपीएससी अब धीरे-धीरे यूपीएससी के मैन्स के स्तर के प्रश्न अब जीएस पेपर में पूछ रहा है। साथ ही Essay के सेक्शन 1 और 2 भी पूरी तरह यूपीएससी के स्तर के थे। अब परीक्षार्थियों को पहले के मुकाबले अधिक मेहनत करने की जरुरत है क्योंकि बढ़ते कम्पटीशन को देखते हुए बीपीएससी मैन्स के प्रश्नों के स्तर में भी काफी बदलाव कर चुका है।