NEW DELHI : सुप्रीम कोर्ट में नीट-यूजी पेपरलीक मामले में सुनवाई चल रही है। जिसमें आज ही फैसला आने की संभावना है। वहीं पेपरलीक के मामले में अब नई दिल्ली आईआईटी को भी शामिल कर लिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा में आए एक सवाल को हल करने के लिए आईआईटी दिल्ली के डायरेक्टर को निर्देश दिया है कि वह तीन एक्सपर्ट्स की एक कमेटी का गठन करें। से ही इस पर जवाब मांग लिया है। अब NEET-UG यानी नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट के एक खास सवाल को लेकर जारी चर्चा पर सुप्रीम कोर्ट ने विराम लगा दिया है। अदालत ने साफ कर दिया है कि नेशनल टेस्टिंग सेंटर (NTA) की तरफ से दिया गया जवाब सही था। दरअसल सुनवाई के दौरान फीजिक्स के एक ऐसे सवाल का मसला भी उठा है, जिसके दो सही उत्तर माने जा रहे हैं। ऐसे में अदालत ने एक्सपर्ट्स की एक कमेटी गठित करने को कहा था
क्या बोले CJI
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, 'समिति का साफतौर पर कहना है कि सिर्फ एक ही ऑप्शन था, जो कि ऑप्शन 4 था। ऐसे में अपने आंसर की में NTA सही था।
कोर्ट में याचियों के वकील नरेंद्र हुड्डा ने दलील दी कि एनसीईआरटी के एक सवाल के चलते 44 लोगों को टॉप रैंक मिल गई है। इस सवाल के दो जवाब सही माने जा रहे हैं। ऐसे में किसी एक जवाब को ही सही माना जाए और उस पर स्पष्टता होनी चाहिए। इसी तर्क पर अदालत ने दिल्ली आईआईटी को एक्सपर्ट्स की कमेटी बनाने को कहा है। यह सवाल फिजिक्स से जुड़ा था।
सिर्फ बिहार-झारखंड तक सीमित नहीं
सुनवाई के दौरान वकील हुड्डा ने कहा कि पेपर लीक वॉट्सऐप के जरिए हुआ है। इसलिए यह बिहार या झारखंड तक ही सीमित रहा, ऐसा नहीं माना जा सकता। उन्होंने सॉल्वर्स को राजस्थान से ले जाया गया। वॉट्सऐप पर पेपर लीक हुआ। इसलिए इतनी गहरी साजिश है तो फिर यकीन करना मुश्किल है कि पेपर लीक पटना तक ही सीमित रहा हो।