SUPAUL : सुपौल नवगठित नगर परिषद त्रिवेणीगंज में पहले चेयरमैन के लिए शिक्षिका पद से रिजाइन देकर चुनाव लड़ने वाली संगीता कुमारी यादव को चुना गया है। क्षेत्र की जनता ने उन्हें इस पद के लिए योग्य माना। वहीं उनकी जीत इस मायने में भी खास बन जाती है क्योंकि उनका मुकाबला क्षेत्र के तीन दिग्गज राजनेताओं के परिवार से था। जिसमें एक तरफ पूर्व विधायक थी और दूसरी पूर्व मंत्री की बहू ने चेयरमैन पद के लिए अपनी दावेदारी पेश की थी। माना जा रहा था कि इन दोनों में से किसी को नवगठित नगर परिषद का पहला चेयरमैन बनने का गौरव हासिल होगा लेकिन क्षेत्र की जनता ने एक शिक्षिका को यह मौका दिया है।
बता दें कि त्रिवेणीगंज नगर परिषद के पहली चेयरमैन बनी संगीता यादव का मुकाबला पूर्व मंत्री अनुप लाल यादव की बहू रंभा देवी और 2010 में जदयू की पूर्व विधायक अमला देवी से था। वहीं इसके साथ बीते 15 वर्षों से रहे जदयू के वर्तमान प्रखंड अध्यक्ष कमाल खान की पत्नी आलम आरा भी मैदान में थी। ऐसे में तीन राजनीतिक परिवार के बीच में कड़ा मुकाबला माना जा रहा था। लेकिन जनता ने तीनों परिवार को नकारते हुए शिक्षिका के पद से रिजाइन कर चुनाव लड़नेवाली संगीता कुमारी को अपना चेयरमैन चुना।
ऐसे बंटे वोट
चेयरमैन के पद में संगीता कुमारी ने रंभा देवी को 1515 मतों से हराया। वहीं वहीं 2010 में जेडीयू की विधायक रहीं अमला देवी को 930 मतों पर संतोष करना पड़ा। सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि बीते 15 वर्षों से रहे जदयू के वर्तमान प्रखंड अध्यक्ष कमाल खान की पत्नी आलम आरा को इस चुनाव में उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा मात्र इनको 1561 मत मिले।