सियासी हलचल तेज जिन छात्रों ने शेख हसीना को छुड़ाया बांग्लादेश,अब घेर लिया यूनुस का घर
Bangladesh crisis : छात्र आंदोलनकारियों ने ढाका में चीफ सलाहकार मोहम्मद यूनुस का घर घेर लिया है. आंदोलनकारियों का कहना है कि यूनुस अगर शेख हसीना की पार्टी पर प्रतिबंध नहीं लगाते हैं तो वे आंदोलन को खत्म नहीं करेंगे.

N4N डेस्क: भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव का के बीच पडोसी देश बांग्लादेश से इस वक्त की बड़ी खबर आ रही है जिन छात्र आंदोलनकारियों की वजह से तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़ कर भागना पड़ा था. अब उन्ही छात्र आंदोलनकारियों ने ढाका में चीफ सलाहकार मोहम्मद यूनुस का घर घेर लिया है. आंदोलनकारियों के इस कदम से बांग्लादेश की सियासी हलचल तेज हो गई है.मिली रिपोर्ट के मुताबिक छात्र आंदोलनकारियों से जुड़ी पार्टी ने यूनुस के घर के बाहर डेरा जमा दिया है. इन आंदोलनकारियों का कहना है कि यूनुस अगर शेख हसीना की पार्टी पर प्रतिबंध नहीं लगाते हैं तो वे आंदोलन को खत्म नहीं करेंगे.
प्रदर्शनकारियों ने चीफ सलाहकार घर के बाहर डाला डेराछात्र प्रदर्शनकारियों ने यूनुस के घर के बाहर टेंट लगाकर डेरा जमा लिया है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यहीं पर नमाज पढ़ने से लेकर खाना खाने तक का काम करेंगे. इसी तरह का डेरा इन प्रदर्शनकारियों ने शेख हसीना के खिलाफ डाला था.उस वक्त शुरुआत में इन प्रदर्शनकारियों को शेख हसीना ने हल्के में लिया था. हालांकि, बाद में इन प्रदर्शनकारियों ने सख्त रूख अख्तियार कर लिया, जिसके बाद जगह-जगह दंगे हुए.आखिर में शेख हसीना को कुर्सी छोड़नी पड़ गई. शेख हसीना बांग्लादेश से भागकर भारत आ गईं. तब से हसीना भारत में ही रह रही हैं.
आवामी लीग पर बैन की मांग
एनसीपी जो छात्र आंदोलनकारियों का संगठन है ने ढाका में हल्ला बोल दिया है. संगठन का कहना है कि शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग को पहले बैन लगाने की बात कही गई थी, लेकिन अब यूनुस की अंतरिम सरकार इससे मुकर रही है.छात्र संगठन का स्पष्ट रूप से कहना है कि शेख हसीना की पार्टी को अगर चुनाव में उतरने दिया जाता है तो यह बांग्लादेश के लोगों के साथ अन्याय होगा. बांग्लाादेश में शेख हसीना के जाने के बाद से ही उनकी पार्टी पर बैन लगाने की मांग की जा रही है.हालांकि, अब तक हसीना पर तो एक्शन हुआ है, लेकिन उनकी पार्टी पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है. कहा जा रहा है कि यूनुस इसे करने से भी कतरा रहे हैं. इसकी वजह बांग्लादेश में उनके द्वारा कराए गए चुनाव पर सवाल उठना है.यूनुस ने ऐलान किया है कि बांग्लादेश में निष्पक्ष चुनाव कराए जाएंगे. ऐसी स्थिति में अगर आवामी लीग पर बैन लगाया जाता है तो यूनुस की घेराबंदी हो सकती है. यूनुस खुद की कुर्सी को खतरे में नहीं डालना चाहते हैं.