सांसदों का फर्जी हस्ताक्षर करना आप सांसद राघव चड्डा पर भारी, राज्यसभा से किए गए निलंबित

NEW DELHI : संसद में दिल्ली सेवा बिल को लेकर सांसदों के जाली हस्ताक्षर करने को लेकर विवादों में घिरे आप के राज्यसभा सांसद राघव चड्डा को आखिरकार निलंबित कर दिया गया है। हालांकि उनका यह निलंबन प्रिविलेज कमेटी का फैसला आने तक के लिए ही है। राघव पर मिसबिहेव करने के आरोप लगे हैं।
दरअसल, राघव चड्ढा ने बीते दिन ही प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। जिसे आधार बनाकर यह कार्रवाई की गई है। बताया गया कि फर्जी हस्ताक्षर मामला सामने आने के बाद इसे प्रिविलेज कमेटी के पास विचार के लिए भेज दिया गया था। नियमों अनुसार जब मामला प्रिविलेज कमेटी के पास हो तो उसे डिफेंड करना नियमों का उल्लंघन है। जिसके आधार पर उन्हें सस्पेंड कर दिया गया।
वहीं राघव चड्ढा ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बयान जारी कर कहा कि इस सप्ताह मुझे विशेषाधिकार समिति से दो नोटिस मिले। विपक्ष को संसद में बोलने का मौका नहीं दिया गया। भाजपा मुझ पर फर्जी हस्ताक्षर करने का आरोप लगा रही है लेकिन सच्चाई यह है कि कोई भी सांसद किसी भी समिति के गठन के लिए नाम प्रस्तावित कर सकता है और जिस व्यक्ति का नाम प्रस्तावित है उसके हस्ताक्षर या लिखित सहमति की आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने भाजपा से उन्हें निलंबित करने के कारण पूछे हैं। राघव चड्ढा ने कहा- संसद से उन्हें क्यों निलंबित किया गया। उन्होंने देश की सबसे बड़ी पार्टी के सबसे बड़े नेताओं से सवाल पूछे, या दिल्ली सेवा बिल पर सबसे बड़े नेताओं से इंसाफ मांगा। भाजपा को उनका मेनिफेस्टो दिखाते हुए भाजपा को आइना दिखाया, या इन्हें दर्द सताता है कि 34 साल के युवा उन्हें संसद में ललकारता है।
नोटिस का जवाब देंगे चड्ढा
AAP राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने बीते दिन ही अपनी बात मीडिया के सामने रख दी थी। राघव ने कहा था- वो विशेषाधिकार समिति द्वारा भेजे नोटिस का जवाब देंगे। बतौर सांसद मेरी छवि को नुकसान पहुंचाने वाले भाजपा के हथकंडे का खुलासा करेंगे। आम आदमी पार्टी ने राघव चड्ढा के खिलाफ कार्रवाई को साजिश बताया है।
इस मामले में की गई कार्रवाई
दरअसल, पांच सांसदों ने दावा किया कि दिल्ली सेवा विधेयक को उनकी सहमति के बिना सेलेक्ट कमेटी को भेजने के प्रस्ताव पर उनके नाम का उल्लेख किया गया था। यह प्रस्ताव AAP सांसद राघव चड्ढा ने पेश किया था। विरोध दर्ज कराने वाले तीन भाजपा सांसद हैं। वहीं इनमें एक BJD और एक अन्नाद्रमुक सांसद भी शामिल हैं। इस मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जांच की मांग की थी।
वहीं AAP का कहना है कि एक युवा और प्रभावी सांसद राघव चड्ढा की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए उनके खिलाफ साजिश के तहत भाजपा ये अभियान चला रही है।