DESK: कोरोना काल में अब चाय की प्याली महंगी होने वाली है. क्युंकि कोरोना संकट में इस साल चायपत्ती के उत्पादन में करीब 37 फीसदी की भारी गिरावट आ सकती. कोरोना की वजह से देशभर में लंबे समय तक लॉकडाउन और पूर्वोत्तर राज्यों में भारी बारिश की वजह से इस साल चाय का उत्पादन 37 फीसदी घटकर 878 हजार टन ही रह सकता है.
दरअसल कोरोना की वजह से हुए लॉकडाउन का असर हर चीज पर पड़ा है. मार्च से मई 2020 के दौरान चाय के उत्पादन पर काफी विपरीत असर पड़ा है. इस दौरान देश भर के टी गार्डेन और मेन्युफैक्चरिंग में उत्पादन में भारी गिरावट आई है. मार्च के दौरान चाय के उत्पादन में 41.4 फीसदी की भारी गिरावट आई है. इसके बाद अप्रैल में तो 53.8 फीसदी की भारी गिरावट आ गई. मई में उत्पादन में 28.3 फीसदी और जून में 8 फीसदी की गिरावट आई है.
अगर जनवरी महीने से लेकर जून तक की बात करें तो छह महीने में उत्पादन 26 फीसदी घटकर महज 348.2 हजार टन रह गया. लॉकडाउन खुलने के बाद टी इंडस्ट्री इस संकट से निपटने की कोशिश ही कर रही थी कि तब तक चाय उत्पादन के प्रमुख केंद्रों जैसे असम आदि में भारी बाढ़ और जल-जमाव की समस्या आ गई. असम में मई, जून और जुलाई महीने में भारी बारिश हुई. गौरतलब है कि आमतौर पर सबसे ज्यादा चाय का उत्पादन जुलाई महीने में ही होता है. इसी महीने में असम में बेस्ट क्वालिटी चाय का उत्पादन होता है.
वहीं इस बार कोरोना के बाद बाढ़ ने भी अपना कहर बरपाया है. इस महीने असम में आई भारी बाढ़ से डिब्रूगढ़, जोरहट, गोलाघाट जिलों में बड़ी मात्रा में चाय के पौधे नष्ट हो गए. भारत में कुल उत्पादन में करीब 50 फीसदी हिस्सा असम में ही होता है.