DESK: कोरोना काल में लगे लॉकडाउन का असर हर क्षेत्र में पड़ा है, हालांकि धीरे-धीरे बहुत सी छूट दी जा रही है, दुकानों को खोला जा रहा है. लेकिन अभी भी स्कूल और मॉल को बंद रखा गया है. फिलहाल इसके खुलने की संभावना भी नहीं है. अब इसको लेकर झारखंड सरकार सर्वे कराएगी. स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग अभिभावकों से फिर पूछेगा कि स्कूल कब से खोले जाएं. केंद्रीय स्कूली शिक्षा व साक्षरता मंत्रालय की सचिव अनीता खरवाल ने इसके लिए राज्य के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग को निर्देश दिया है.
आपको बता दें कि केंद्रीय शिक्षा सचिव ने सोमवार को झारखंड के साथ मध्य प्रदेश, असम, पंजाब, त्रिपुरा और छत्तीसगढ़ के शिक्षा अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में यह निर्देश दिए. उन्होंने पिछले महीने झारखंड में स्कूल खोलने को लेकर कराए गए सर्वे की तारीफ भी की. उन्होंने कहा कि अगले साल फरवरी मार्च में मैट्रिक और इंटर की परीक्षा है। ऐसे में 10वीं और 12वीं के बच्चों के अभिभावक क्या चाहते हैं, इसे फोकस में रखते हुए सर्वे किया जाए.
अभिभावकों की रिपोर्ट के आधार पर परीक्षा के आयोजन पर भी निर्णय लिया जा सकेगा. केंद्रीय शिक्षा सचिव ने झारखंड के शिक्षा अधिकारियों से स्कूल बंद रहने के दौरान डिजिटल मटेरियल पहुंचाने, जिन बच्चों तक यह उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था और राज्य में स्कूल खोलने संबंधी जानकारी मांगी.
फिलहाल झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के तरफ से बताया गया है कि 46 लाख बच्चों में से करीब 13 लाख बच्चों को डिजिटल कंटेंट उपलब्ध कराया जा रहा है. साथ ही दूरदर्शन के माध्यम से भी डिजिटल मटेरियल उपलब्ध कराए जा रहे हैं. सभी बच्चों तक पाठ्य पुस्तक उपलब्ध करा दी गई है. जिन बच्चों को डिजिटल कंटेंट नहीं मिल रहा है उनके लिए मोहल्ला स्कूल गांव चले हम कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है, जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए छोटे-छोटे समूह में बच्चों को जानकारी दी जा रही है.