बिहार विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों की ओर से टिकट फाइनल होते ही अब प्रत्याशी जीत की रणनीति बनाने में जुट गए है . देश में पहली बार कोरोना संक्रमण के दौर में हो रहे चुनाव में ,अपनी उपल्बधियां गिनाने से मतदाताओं को रिझाने के लिए प्रत्याशियों की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का बढ़ -चढ़कर सहारा लिया जा रहा है. वे प्रचार प्रसार के लिए स्टूडियो की ओर रुख लेने लगे है. स्टूडियो के कलाकार प्रत्याशी की आवाज को रिकॉर्ड कर उनके द्वारा कराए गए विकास कार्यों को गीतों में गजलों में पिरो कर लोकप्रिय संदेश बना रहे .जिससे मतदाताओं में उनका आकर्षण बढ़े.प्रोफेशनल कलाकार गाने ,तराने, नारे व संदेश गढ़ रहे हैं. प्रत्याशियों के ऑडर मिल जाने के बाद काम और तेज हो गया है।
चुनाव प्रचार के लिए गानों की डबिंग करने वाले एग्जिबिशन रोड के संगीत स्टूडियो के कलाकार ने बताया- चुनाव प्रचार के लिए वर्ष 2009 से ही गीतों की डबिंग होती रही है. लोकसभा व विधानसभा चुनाव को लेकर पहले भी प्रत्याशी स्टूडियो आते रहे हैं .पहले कैसेट और सीडी का क्रेज था और प्रत्याशी कैसेट और सीडी के जरिए अपनी बात जनता के बीच रखते थे, पर अब ऐसा नहीं है म्यूजिक डायरेक्टर और कंपोजर चुनाव की तारीख तय होने के बाद से प्रत्याशी फेसबुक और व्हाट्सएप सहारा लेकर अलग-अलग गीतों का ऑडियो वीडियो शेयर करते हैं .
उन्होंने विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े प्रत्याशियों के अलग-अलग सदाबहार गीतों के साथ भोजपुरी- मगही भाषा का प्रयोग किया जा रहा है. गीतों के बारे में स्टूडियो संचालक ने बताया प्रत्याशी देशभक्ति गीतों की 23 को ज्यादा पसंद कर रहे हैं. हर कर्म अपना करेंगे...धुन पर कई गीत बन चुके हैं वही भोजपुरी में अबनी वोट देवे चलअ बलम जी ..ई गारंटी वा एकर जोर नइखे ..हमरा निशनवा बड़ा नीक लागे ला....आदि गीतों को खूब पसंद किया जा रहा है. कई प्रत्याशियों ने जिसने काम किया है, काम करेंगे जब तक प्राण है, सुबह ओ- शाम करेंगे .
ऐसे लोकप्रिय शब्दों का प्रयोग करा कर ऑडियो रिकॉर्ड कर आए हैं. इसके साथ ही सही स्टूडियो संचालक बताते हैं कि हर काम के लिए अलग-अलग रेट तय है अगर स्थानीय गायक से प्रत्याशी अपना काम कराना चाहते हैं तो उसके लिए प्रति गीत ₹2000 लिए जाते हैं और अगर नेम फेम वाले सेंगर से काम करवाना है तो उसके लिए पूरे 10 से ₹15000 रुपए निर्धारित है. प्रत्याशी अपनी सुविधा के अनुसार ऑडियो वीडियो रिकॉर्ड कराते हैं. यदि ऑजियो विडियो मिलाकर रिकॉर्डिंग कराई जाती है तो इसके लिए ₹10000 का बजट होता है .चुनाव को देखते हुए प्रत्याशियों के सारे ऑर्डर को पूरा भी कर लिया गया है.स्टूडियो संचालक की मानें तो चुनाव में लगभग ₹100000 तक का कारोबार हो जाता है.