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पुलिस अभिरक्षा में अभियुक्त की पिटाई, न्यायालय ले लिया संज्ञान, एसीपी ने दिए जांच के आदेश

पुलिस अभिरक्षा में अभियुक्त की पिटाई, न्यायालय ले लिया संज्ञान, एसीपी ने दिए जांच के आदेश

सीतामढ़ी-सीतामढ़ी  जिले के रीगा थाना में कथित तौर पर  पुलिस के द्वारा बर्बरता पूर्ण रवैया का प्रयोग कर एक युवक की बेरहमी से पिटाई कर दी.बता दें बीते दिनों थाना क्षेत्र के पंछोर निवासी अनिल मिश्रा के पुत्र शुभम कुमार को रीगा थाना अध्यक्ष राम इकबाल प्रसाद और पु.अ.नि मनीष कुमार के द्वारा केस नंबर 482/23 के अनुसार 1 दिसंबर को चंडीहा पेट्रोल पंप के समीप चोरी के मोटरसाइकिल की खरीद बिक्री को लेकर योजना बनाते  गिरफ्तार किया था. इस दौरान उसके पास से बिना नंबर की अपाचे बाइक बरामद की गई थी. मामला उजागर तब हुआ जब न्यायालय के द्वारा सीतामढ़ी एसपी को उक्त मामले में विधि सम्मत जांच कर करवाई हेतु प्रेषित किया .

बता दे की अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी 6 की अदालत में अभियुक्त की ओर से लिखित आवेदन दे रीगा थाना अध्यक्ष एवं पु.अ.नी पर मारपीट का गंभीर आरोप लगाया है. न्यायालय में प्रस्तुत होने के दौरान आरोपी शुभम ने न्यायालय को बताया कि रीगा थाना अध्यक्ष राम इकबाल प्रसाद और पुअनी मनीष कुमार के द्वारा हाजत से निकालकर पहले पिटाई की गई फिर अपने सहयोगी उफरौलिया टोला निवासी सोगरथ महतो के पुत्र अरविंद कुमार से भी पिटवाया गया. उक्त मामले को लेकर अपर मुख्य न्यायाधीश दंडाधिकारी छह ने अपने आदेश पत्र में बताया कि अभियुक्त को न्यायालय में प्रस्तुत करने के प्रावधानों की जानकारी पुलिस पदाधिकारी और परीक्षण करने वाले चिकित्सीय पदाधिकारी के द्वारा अभियुक्त के संविधिक अधिकारों का अनुपालन नहीं किया है. जिसको लेकर न्यायिक दंडाधिकारी ने कार्यालय लिपिक से संबंधित पुलिस पदाधिकारी और चिकित्सीय पदाधिकारी से प्रावधानों के उल्लंघन हेतु कारण पृच्छा की मांग करने का निर्देश जारी कर दिया है.

 आदेश पत्र में न्यायाधीश ने उल्लेख किया है कि अभियुक्त द्वारा पुलिस पदाधिकारी के विरुद्ध मारपीट की शिकायत की जाती है तथा उनके संदर्भ में लिखित प्रतिवेदन दिया गया है. देखने पर अभियुक्त के बाएं पंजे, बाया घुटना तथा शरीर के अन्य स्थानों पर जख्म के निशान खुले न्यायालय में दिखाया जाता है. पूछे जाने पर रीगा थाना अध्यक्ष एवं पुअनी मनीष कुमार के द्वारा मिलकर हाजत से निकालकर पीटने का बात कही जाती है. वही न्यायाधीश ने बताया कि प्रावधानों तथा माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी निर्देश का उल्लेख करते हुए स्पष्ट किया कि अभियुक्त के साथ पुलिस अभी रक्षा में मारपीट किया जाना ना सिर्फ एक अपराध है बल्कि  विभागीय कारवाई को भी आकर्षित करता है. उन्होंने कार्यालय लिपिक को अभिलंब अभियुक्त के चिकित्सीय परीक्षण करने हेतु प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डुमरा को पत्र निर्गत करें तथा स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी को अभियुक्त का नियमानुसार चिकित्सीय परीक्षण करते हुए प्रतिवेदन न्यायालयों को समर्पित करने का निर्देश दिया है.

 फिलहाल मामले को लेकर सीतामढ़ी एसपी मनोज कुमार तिवारी ने बताया की सदर एसडीपीओ को जांच करने का आदेश दिया गया है. एसपी मनोज तिवारी ने कहा कि नियमों की अवहेलना बरदास्त नहीं की जाएगी और दोषियों पर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि पुलिस जनता के लिए है और जनता की मित्र है. 

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