गया के बेलागंज में गहराये पेयजल संकट पर प्रशासन मौन, जिलाधिकारी के निर्देशों का नहीं हो रहा पालन

गया के बेलागंज में गहराये पेयजल संकट पर प्रशासन मौन, जिलाधिक

GAYA : गया जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन एस एम के द्वारा जिले में पेयजल संकट दूर करने के लिए लगातार समीक्षा के दौरान कई दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। लेकिन उसका असर बेलागंज में देखने को नहीं मिल रहा है। घनी आबादी और ग्राहकों से गुलजार रहने वाला बेलागंज बाजार में एकमात्र चापाकल लोगों की प्यास बुझाने में नाकाफी साबित हो रही है। बाजार आने वाले लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्धता के लिए बाजार के डाक बंगला के पास मिनी पेयजल आपूर्ति टंकी का निर्माण कराया गया था। 

लाखों रुपये खर्च से बना य़ह जल आपूर्ति केंद्र शोभा की वस्तु बन कर रह गया है। कई महिनों से बंद पड़े यह नलकूप आसपास के मछली विक्रेता के लिए मछली भंडार बना हुआ है। इसकी जानकारी सरकारी अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को होने बावजूद पेयजल संकट को दूर करने की जहमत किसी ने भी नहीं उठाई। जबकि इसके आसपास के दुकानों पर सभी राजनीतिक दलों नेताओं का जमावड़ा लगा रहता है। 

इसके जर्जर टंकी के आसपास गन्दगी का अंबार है। मछली हाट के दुर्गन्ध  के कारण कोई चालू हालात में भी इसका पानी पीना नहीं चाहेगा। जबकि मरम्मती करा साफ सफाई रखा जाए तो बाजार मे आने वाले ग्राहकों और आम लोगों काफी राहत मिल सकती है। सामाजिक कार्यकर्ता रविशंकर कुमार ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश असर अधिकारियों पर नहीं पड़ रहा है। बेलागंज बजार मे पेयजल संकट काफी है। 

पूरे बाजार मे डाक बंगला यात्री शेड के पास चापाकल है। जबकि सब्जी मंडी, बेलाडीह मोङ टिनमां स्कूल, टिकारी मोड़ के पास चापाकल की नितांत आवश्यकता है। जिसकी कई वर्षों स्थानीय लोग  मांग उठाते आए हैं। कुमार ने कहा की हम जिलाधिकारी से निवदेन करते हैं वे खुद बेलागंज बजार मे आकर पेयजल व्यवस्था का निरीक्षण करें। साथ ही पेयजल आपूर्ति टंकी को पुनः चालू कराते हुए बाजार के प्रमुख स्थानों पर चापाकल लगाया जाए।

गया से प्रभात कुमार मिश्रा की रिपोर्ट