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एयर इंडिया के बाद 'पवन हंस' भी बिका : हेलीकॉप्टर सेवा देनेवाली कंपनी में सरकार ने बेची अपनी हिस्सेदारी, मिले इतने रुपए

एयर इंडिया के बाद 'पवन हंस' भी बिका : हेलीकॉप्टर सेवा देनेवाली कंपनी में सरकार ने बेची अपनी हिस्सेदारी, मिले इतने रुपए

NEW DELHI : इस साल की शुरूआत में केंद्र सरकार ने देश की सबसे बड़ी एयरलाइंस एयर इंडिया को टाटा समूह को बेचा था। अब सरकार ने हेलीकाप्टर सेवा प्रदाता पवन हंस लिमिटेड (पीएचएल) को भी बेच दिया है। इस कंपनी में केंद्र सरकार के पास 51 फीसदी की हिस्सेदारी थी, इस हिस्सेदारी स्टार9 मोबलिटी प्राइवेट लिमिटेड को बेच दिया गया है। इस सौदे के बदले में केंद्र सरकार को 211.4 करोड़ रुपए प्राप्त होंगे। 

वित्त मंत्रालय ने दी मंजूरी

वित्त मंत्रालय के मुताबिक आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) से अधिकार प्राप्त एक समूह ने पीएचएल में सरकार की समूची 51 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री के लिए मेसर्स स्टार9 मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड की उच्चतम बोली को मंजूरी दी। इस सौदे के लिए सीसीईए द्वारा बनाए गए समूह में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शामिल हैं। 

सिर्फ तीन कंपनियों ने दिखाई दिलचस्पी

पीएचएल की 51 फीसदी हिस्सेदारी के लिए आरक्षित मूल्य 199.92 करोड़ रुपये तय किया गया था। पवन हंस की बिक्री के लिए सरकार को तीन कंपनियों से बोली मिली थी। इनमें से स्टार9 मोबिलिटी 211.14 करोड़ रुपये की बोली के साथ सबसे बड़ी बोलीकर्ता के तौर पर सामने आई। बाकी दो बोलियां 181.05 करोड़ रुपये एवं 153.15 करोड़ रुपये की थी। बता दें कि, इससे पहले सरकार ने तीन बार अपनी हिस्सेदारी को विनिवेश करने का प्रयास किया था लेकिन वह सफल नहीं हो पाया था। 

ONGC के पास है 49 फिसदी हिस्सेदारी

हेलीकाप्टर सेवाएं देने वाली कंपनी पीएचएल केंद्र सरकार और ओएनजीसी का संयुक्त उद्यम है। इसमें उनकी हिस्सेदारी 51:49 अनुपात में है। हालांकि ओएनजीसी पहले ही कह चुकी है कि वह रणनीतिक विनिवेश सौदे में सफल बोलीकर्ता को अपनी हिस्सेदारी समान भाव पर दे देगी।

तीन कंपनियों की संयुक्त ईकाई है  स्टार9

स्टार9 मोबिलिटी एक समूह है जिसमें बिग चार्टर प्राइवेट लिमिटेड, महाराजा एविएशन प्राइवेट लिमिटेड और अल्मास ग्लोबस आपरच्युनिटी फंड एसपीसी शामिल हैं।


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