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कनाडा से भारत के रिश्ते तल्ख होने के बाद राष्ट्रपति की सुरक्षा से हटाए गए सिख, इंदिरा से जुड़ रहा कनेक्शन संबंधी पोस्ट हो रहा वायरल ? जानिए सोशल मीडिया के इस पोस्ट में कितनी है सच्चाई

कनाडा से भारत के रिश्ते तल्ख होने के बाद राष्ट्रपति की सुरक्षा से हटाए गए सिख, इंदिरा से जुड़ रहा कनेक्शन संबंधी पोस्ट हो रहा वायरल ? जानिए सोशल मीडिया के इस पोस्ट में कितनी है सच्चाई

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के भारत को लेकर दिए गए बयान के बाद अब अफवाहों का बाजार गर्म है. ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में भारत की भूमिका होने की आशंका जताई थी. भारत ने इसका विरोध किया था. इसके बाद अब सोशल मीडिया पर एक पोस्ट तेजी से वायरल हो रहा है, पोस्ट के अनुसार राष्ट्रपति भवन से सिख सुरक्षाकर्मियों को हटा दिया गया है.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर प्रकाश कुमार भील नाम की प्रोफाइल से एक पोस्ट शेयर की जा रही है. इसमें लिखा है कि सिख नेता हरदीप सिंह की हत्या में भारत सरकार की भूमिका को लेकर कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की तरफ से दिए गए भाषण और सिख समुदाय में बढ़ती नाराजगी के बाद भारत में राष्ट्रपति भवन में तैनात सिख सुरक्षाकर्मियों को बदल दिया गया है. उसमें लिखा है कि साथ ही भारतीय सेना सिख सैनिकों को घर जाने के लिए छुट्टी देने से इनकार कर रही है. उन्हें डर है कि मोदी अगले इंदिरा हो सकते हैं. सोशल मीडिया पर फैलाे जा रहे अफवाह को लेकर सुरक्षा एजेंसिंयों के कान खड़े हो गए है.

भारतीय सेना एडीजी पीआईबी  की ओर से इस वायरल पोस्ट को गलत करार दिया है.भारतीय सेना एडीजी पीआई (प्रेस इंफर्मेशन ब्यूरो )  की सोशल मीडिया 'X' पर पोस्ट में कहा गया है कि 'दुश्मन एजेंट्स की तरफ से सोशल मीडिया पर भारतीय सेना के सैनिकों के खिलाफ झूठी खबरें और नफरत फैलाई जा रही है, ऐसी फर्जी खबरों से खुद को सुरक्षित रखें.'प्रेस इंफर्मेशन ब्यूरो ने कहा कि यह दावा फर्जी और और तनाव पैदा करने के इरादे से साझा किया गया है और 'ऐसे कोई भी फैसला नहीं लिया गया है.

बता दें बीते सप्‍ताह कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भारत में आयोजित जी20 सम्‍मेलन में हिस्‍सा लेने के लिए भारत आए थे. उस समय द्विपक्षीय बातचीत के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के सामने इस बात पर नाराजगी जाहिर की थी कि उनके देश में खालिस्तानी समर्थक तत्वों की गतिविधियों पर नकेल नहीं कसी जा रही है. ये बात सामने आते ही दोनों देशों के बीच तनाव के संकेत मिलने शुरू हो गए थे.इसके बाद ट्रूडो निजी विमान खराब होने के कारण जी-20 सम्मेलन खत्म होने के दो दिन बाद तक भारत में रहे. वो कनाडा पहुंचे, उन्‍होंने संसद में सिख नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर बेतुका बयान दे डाला. इतना ही नहीं, विदेश मंत्री मेलेनी जोली ने शीर्ष भारतीय राजनयिक पवन कुमार राय को निकालने का ऐलान कर दिया. इसके बाद से भारत और कनाडा के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया और कनाडा के जवाब में भारत ने भी कनाडा के शीर्ष राजनायिक को निष्‍कासित कर दिया.पूरा विवाद खालिस्तान आंदोलन पर केंद्रित है. भारत ने कनाडा पर बार-बार अपनी धरती पर खालिस्तान आंदोलन का समर्थन करने का आरोप लगाया है, जो भारत में प्रतिबंधित है. मंगलवार को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने संसद में कहा कि कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत के एजेंट्स का हाथ हो सकता है. इतना ही नहीं, भारत पर आरोप लगाने के बाद कनाडा ने ओटावा में मौजूद भारत के एक टॉप डिप्लोमैट को देश छोड़कर जाने का आदेश दिया. यहीं से विवाद की शुरुआत हुई. खालिस्‍तान मुद्दे पर कनाडा को करारा जवाब देते हुए भारत ने भी उसके शीर्ष राजनयिक कैमरून मैके को निष्कासित करते हुए 5 दिन के अंदर उनसे देश छोड़ने के लिए कह दिया. साथ ही ट्रूडो के बयान को भी बेबुनियादी और गलत मंशा से प्रेरित बताया है.

ट्रूडो के बयान को सिर्फ भारत ने ही निराधार नहीं बताया, बल्कि कोई भी देश उनके समर्थन में नहीं आया. यहां तक कि कनाडा में भी वो इस बयान को लेकर घिर गए हैं. उनके ही देश में विपक्षी पार्टियां भी सबूत मांग रही हैं. इसके बाद जस्टिन ट्रूडो का भी एक बयान सामने आ गया. उन्होंने कहा कि निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों का हाथ होने की आशंका जाहिर करने के पीछे ये मकसद नहीं था. हम भारत को उकसाना नहीं चाहते. हम बस तथ्यों को सामने रख रहे हैं. हम भारत सरकार के साथ काम करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि भारत को इस मामले में गंभीरता दिखाने की जरूरत है. यह बेहद गंभीर है, और अंतरराष्ट्रीय कानून में इसके दूरगामी परिणाम होंगे... हम शांत रहेंगे. हम अपने लोकतांत्रिक सिद्धांतों और मूल्यों पर कायम रहेंगे. 

बहरहाल भारत और कनाडा के संबंधों में दरार की आड़ में भारत में नफरत और अफवाह फैलाने की साजिश होनी शुरु हो गयी है. .'प्रेस इंफर्मेशन ब्यूरो ने कहा कि सोशल मीडिया पर फैलायी चा रही सूचना फर्जी और और तनाव पैदा करने के इरादे से साझा किया गया है. ऐसे में सावधान रहने की जरुरत है. 


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