राजभवन के बाद अब बीपीएससी से केके पाठक ने लिया पंगा, लेटर लिखकर कहा - हमारे विभाग के कर्मियों से काम लेना तत्काल बंद करें, जानें पूरा मामला

PATNA : बिहार का शिक्षा विभाग में जब से एसीएस के पद पर केके पाठक की नियुक्ति की गई है। तब से यह विभाग लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। पहले एसीएस ने अपने शिक्षा मंत्री से पंगा लिया। फिर राजभवन के कार्य क्षेत्र में दखल देने की कोशिश की। अब 1.70 लाख शिक्षक पदों की नियुक्ति की परीक्षा लेने वाले बीपीएससी से भी उन्होंने पंगा मोल ले लिया है।
बीपीएससी द्वारा सभी जिलों में शिक्षक भर्ती के लिए अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र का सत्यापन किया जा रहा है। जिसके लिए आयोग ने शिक्षकों और विभाग के कर्मियों को ड्यूटी पर लगाया है। बीपीएससी के इसी निर्देश को लेकर अब शिक्षा विभाग ने नाराजगी जाहिर कर दी है। शिक्षा विभाग ने बीपीएससी को लिखे लेटर में सीधे-सीधे इस बात पर अपनी आपत्ती जाहिर कर दी है और कहा है कि यह किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है और न ही यह शिक्षा हित में है।
बताया नियम के विरूद्ध
शिक्षा विभाग ने लेटर में लिखा है कि प्रमाण पत्रों की जांच करने का अधिकार शिक्षकों और कर्मियों को नहीं है। इसके लिए विभाग ने विद्यालय अध्यापक नियुक्ति नियमावली 2023 के नियम 9 (i) का हवाला देते हुए बताया है कि नियुक्ति प्राधिकार को नियुक्ति पत्र निर्गत करने से पूर्व शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक प्रमाण-पत्र का सत्यापन किए जाने का प्रावधान विहित है। ऐसी स्थिति में उक्त नियम के विपरीत बिना अनुशंसा के सभी जिलों में शिक्षा विभागीय पदाधिकारियों / कर्मियों के माध्यम से प्रमाण-पत्रों के सत्यापन का कोई औचित्य नहीं है।
यह भी उल्लेखनीय है कि आयोग की अनुशंसा के उपरांत उक्त नियमावली के नियम 9 (i) के आलोक में नियुक्ति प्राधिकार को प्रमाण पत्रों के सत्यापन किए जाने की बाध्यकारी स्थिति है तदोपरान्त ही उन्हें नियुक्ति पत्र निर्गत किया जाना संभव हो सकेगा।
अनावश्यक श्रम करा रहे
इस प्रकार आयोग द्वारा जिलों के शिक्षा विभागीयं कर्मियों एवं पदाधिकारियों को प्रमाण पत्रों के सत्यापन में लगाए जाने से यह अनावश्यक श्रम का दुरूपयोग प्रतीत होता है। आयोग अपने कार्यालय स्तर पर प्रमाण-पत्र का सत्यापन कराना चाहे तो इस मामले में वह स्वतंत्र है।
तत्काल ड्यूटी से मुक्त करने की मांग
शिक्षा विभाग ने बीपीएससी को नियमों का हवाला देते हुए कहा है कि सभी जिलों में शिक्षा विभागीय पदाधिकारियों एवं कर्मियों को प्रमाण-पत्रों के सत्यापन में लगाए जाने की मुक्त करें और विभाग को इसकी सूचना दें।