FIR दर्ज होने के बाद मीडिया के सामने गरजे जदयू विधायक डा. संजीव कुमार, मैं अपने नेता के प्रति जवाबदेह, सीबीआई जांच कराने की मांग

PATNA : नीतीश कुमार सरकार के फ्लोर टेस्ट के दौरान जदयू विधायकों के खरीद फरोख्त और अपहरण के मामले में पुलिस केस का सामना कर रहे परबत्ता विधायक डा. संजीव कुमार पहली बार मीडिया के सामने आए और पूरे मामले में अपनी सफाई देते हुए कहा कि जो भी मामला है, वह सिर्फ अपने राजनीतिक एजेंडे को साधने के लिए किया गया है। जिन्होंने मेरे खिलाफ केस दर्ज कराया है, दरअसल वह मेरी लोकप्रियता से परेशान हैं। मैं उन्हें बता देना चाहता हूं कि मेरे नेता सिर्फ नीतीश कुमार हैं, अगर उन्हें लगता है कि मैंने किसी प्रकार की गड़बड़ी की है तो इसकी सीबीआई से जांच करवा सकते हैं।
मामले में प्राथमिकी दर्ज करानेवाले हरलाखी विधानसभा से जदयू के विधायक सुधांशु शेखर पर जवाबी हमला करते हुए डा. संजीव कुमार ने आरोप लगाया कि विधायक फंड में उनका कमीशन फिक्स है और बिना कमीशन लिए कोई काम मंजूर नहीं होता है। उस क्षेत्र के कार्यकर्ताओं से मेरी बात होती है, वह मुझे बताते हैं कि कैसे कमीशन का खेल चल रहा है।
दूंगा जोरदार जवाब
डा. संजीव कुमार ने कहा मेरे नेता नीतीश कुमार हैं, मैं उनकी बात मानूंगा, इसी बात को लेकर दूसरे नंबर के कुछ लोग परेशान हैं कि मैं उनकी बात क्यों नहीं मानता। उन्होंने विधायक सुधांशु शेखर को लेकर मुझ पर इंडिविजुअली केस किया गया है, मैं भी उन्हें जोरदार जवाब दूंगा
किया गया टारगेट
परबत्ता विधायक ने कहा मैं ऐसे समाज से आता हूं, जिससे पार्टी में एक दो लोगों को परेशानी है। वह नहीं चाहते हैं कि मैं आगे बढ़ूं। इसलिए मुझे टारगेट किया गया। मुझ पर उन दो विधायकों के अपहरण का केस दर्ज किया गया, जो हुआ ही नहीं था। जांच के लिए ईओयू को निर्देश दिया गया। आखिर किडनैपिंग में ईओयू को शामिल करने की मांग क्यों की गई।
अब सबकुछ सही
डा. संजीव कुमार ने साफ किया कि नीतीश कुमार जी से बात हो गई है और अब सबकुछ ठीक है। जहां तक अगुवानी में गंगा नदी पर पुल बनाने की बात है, तो यहां पर फिर से काम शुरू हो गया है।
बता दें कि डॉ. संजीव कुमार पर पार्टी के दो विधायकों दिलीप राय और बीमा भारती के अपहरण और राजद के लिए पार्टी के विधायकों के खरीद फरोख्त के मामले में कोतवाली में केस दर्ज किया गया था।