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गैंगरेप के बाद शव जलवाने में मदद के आरोपी दरोगा पर पुलिस मेहरबान, सात माह बाद भी नहीं हुई गिरफ्तारी, ऑडियो हुआ था वायरल

गैंगरेप के बाद शव जलवाने में मदद के आरोपी दरोगा पर पुलिस मेहरबान, सात माह बाद भी नहीं हुई गिरफ्तारी, ऑडियो हुआ था वायरल

MOTIHARI : पुलिस के मेहरबानी से सात माह से नेपाली नाबालिक लड़की के गैंगरेप के बाद शव जलावने के आरोपी दरोगा को पुलिस गिरफ्तार नही कर सकी है। कुड़वाचैनपुर थाना पुलिस घटना के सात माह का समय गुजरने के बाद मात्र कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट निर्गत कराने में सफलता हासिल की है। लेकिन दारोगा के हाथों में हथकड़ी लगाने की हिम्मत कोई भी पुलिसकर्मी नहीं जुटा पा रहा है। अब आमलोगों में सुशासन सरकार की पुलिस को लेकर यह चर्चा शुरू हो गई है वह आरोपी दरोगा पर मेहरबान है, यही कारण है कि सात माह बितने के बाद भी सबसे शर्मनाक मामले की आरोपी दरोगा की नही गिरफ्तारी कर पायी न ही कुर्की की करवाई कर पाई ।

आरोपी के घर डूगडूगी बजाकर की चिपकाया गया था इश्तेहार

 आमलोगों में यह भी चर्चा है कि अन्य आरोपियों पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज होने के दस दिन के अंदर कोर्ट से कुर्की निकालकर डुगडुगी बजाकर इश्तेहार चस्पां किया गया था। लेकिन सात माह बाद भी आरोपी थाना प्रभारी पर इतनी मेहरबानी क्यो। जबकि सूत्रों की मानें तो सिकरहना अनुमंडल के अधिकांश सोशल मीडिया ग्रुप में अभी तक थानेदार सतीश रंजन का मोबाइल नम्बर एक्टिव है। उसके बाद भी पुलिस करवाई नही कर सकी। अब मोतिहारी पुलिस पर यह आरोप लगने शुरू हो गए हैं कि वह अपने दारोगा को बचाने की कोशिश में लगी है। 

क्या था पूरा मामला

इस साल की शुरुआत में मोतिहारी जिला के कुड़वाचैनपुर थाना क्षेत्र में जनवरी 2021 में एक नेपाली नाबालिक लड़की के साथ गैंग रेप की घटना हुई थी। सूचना के बाद भी थाना प्रभारी सतीश रंजन द्वारा पीड़ित का शव बरामद कर आरोपियों पर करवाई करने के बजाय आरोपियों से मिलकर शव को किरोसिन तेल छिड़ककर जलवा दिया गया। इतना ही नही पीड़िता के परिजनों को धमकाकर नेपाल भी भेज दिया गया। बाद में मृतका के सगे सम्बन्धियो के साथ घटना के दस दिनों बाद सिकरहना डीएसपी के पास पहुचकर आरोपियों के विरुद्ध आवेदन दिया। उसके बाद थाना प्रभारी की आरोपियों से मिलकर शव को किरोसिन तेल छिड़ककर, लकड़ी मंगवाकर शव जलाने में मदद करने का ऑडियो वाइरल हुआ। ऑडियो वाइरल होने के बाद पूरे राज्य में पुलिस की शर्मनाक चेहरा सामने आया।

एसआईटी का हुआ था गठन

जिस तरह से युवती से गैंगरेप के बाद उसके शव को जलाने में दारोगा की भूमिका सामने आई थी, उसका असर पटना के पुलिस मुख्यालय तक पहुंचा। घटना में पटना पीएचक्यू की तरफ से एसआईटी का गठन किया गया।  पटना से कई अधिकारी जांच के लिए पहुंचे। वहीं एसपी द्वारा ऑडियो वायरल होने व पीड़िता के परिजनों द्वारा घटना बताने के बाद थाना प्रभारी को प्राथमिकी अभियुक्त बनाते हुए कार्रवाई किया गया।पुलिस दबाव को देखते हुए अधिकांस आरोपी कोर्ट में सिलेंडर कर गए । लेकिन पुलिस के मेहरवानी से अभीतक थाना प्रभारी सतीश रंजन फरार चल रहे है।

दारोगा की कब होगी गिरफ्तारी

क्षेत्र में चर्चा है कि पुलिस की प्रतिष्ठा को घुमिल करने व गैंग रेप के आरोपी की मदद कर शव जलावने वाले दारोगा पर कुड़वाचैनपुर पुलिस इतना  मेहरबान है कि सात माह में उसे गिरफ्तार नही कर पाई। वहीं नही कुर्की जब्ती की ही कार्रवाई कर पाई। सिर्फ पुलिस कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट निर्गत करवाकर अपना पीठ थपथपा रही है। कुड़वाचैनपुर थाना अध्यक्ष मिथलेश कुमार ने बताया कि गैंग रेप के आरोपी थानेदार के विरुद्ध कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट निर्गत हुआ है ।लेकिन अभी फरार चल रहे है ।

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